कपासन (चित्तौड़गढ़). कस्बे में पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध 15 पार्षदो ने जिला कलेक्टर चेतन राम देवड़ा के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस दस बिंदुओं वाले अविश्वास प्रस्ताव में बताया गया कि पालिका अध्यक्ष सदस्यों व आमजन की भावनाओं का अनादर करते हुए निरंकुश कार्यशैली से स्थानीय निकाय को व्यवसायिक प्रतिष्ठान के रूप में संचालित कर रहे हैं.
इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार कमीशन खोरी से तथाकथित विकास कार्यों के नाम घटिया सामग्री, गुणवत्ता विहीन अपव्यय किया जाता है. खानापूर्ति करते हुए हित बंद को उपकृत करते हुए मनमाफिक अकुशल संवेदकों द्वारा जवाबदेही विहीन घटिया निर्माण करना, भेदभाव पूर्ण नियत द्वारा दोहरे मापदंड विकास मद का असमान वितरण, अधिनस्थ कर्मचारी एवं अन्य लोक सेवकों तथा आमजन के प्रति अभद्र व्यवहार परिणित कपासन थाने में एक से अधिक परिवाद होना, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद में लंबित प्रकरण संख्या 50/2018 होकर धारा 7 में दोष प्रमाणित होकर वास्ते चालान अभियोजन स्वीकृति स्वायत शासन विभाग में विचारणीय हैं.
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आमजन के वैद्व कार्यो की अपेक्षा असंवैधानिक अनाधिकार वसूली ऊपरी तौर पर लेनदेन द्वारा कार्य निष्पादन, प्रदत्त शक्तियों का दुरुपयोग, भू-माफिया से सांठगांठ कर निष्पादन नीति व जलाशय पर वैधानिक निर्माण कार्य में सहमति, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों उपरांत पर्यावरणीय व्यवस्था एवं मास्टर प्लान की अवहेलना करना, हठधर्मिता, समितियों क्रम से प्रशासनिक स्वच्छता स्वास्थ्य एवं वित्त समितियों का गठन नहीं करना शामिल है.
अविश्वास प्रस्ताव पर नगर पालिका उपाध्यक्ष गजेंद्र पार्षद राजेश बारेगामा, बालमुकुंद ईनाणी, ख्याली लाल बारेगामा, मोहम्मद हारून, कैलाश चंद्र खटीक, रवि राव,राजीव सोनी, अनीता नंदवाना ,रेखा रेगर, मीना चंडालिया, विनोद बारेगामा, सोहन लाल खटीक सुनीता सावला, सहीत लीला देवी माली, ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. इस अवसर पर कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, प्रधान भैरू लाल चौधरी, पूर्व सवृहद पार्षद श्याम लाल शर्मा आदी उपस्थित थे.