चित्तौड़गढ़. गंगरार उपखंड क्षेत्र में स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में एक बार फिर छात्रों की ओर से बवाल करने का मामला सामने आया है. कोरोना वायरस के चलते विदेशी छात्रों को कॉलेज में ही कैद करने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस के गेट पर ताला जड़ दिया. सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश की. फिलहाल यूनिवर्सिटी में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है.
जानकारी के अनुसार मेवाड़ यूनिवर्सिटी के नाइजीरियन छात्रों ने यूनिवर्सिटी फैकेल्टी पर आरोप लगाया कि कोरोना वायरस की वजह से सभी विदेशी छात्रों को कॉलेज कैंपस में ही बंद कर दिया गया. जबकि यूनिवर्सिटी का स्टाफ गंगरार और चित्तौड़गढ़ से रोज यूनिवर्सिटी आते हैं.
गंगरार और चित्तौड़गढ़ में भी कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में छात्रों का कहना है कि स्टाफ का भी कॉलेज आना सुरक्षित नहीं है. बता दें कि यूनिवर्सिटी में सूडान, नाइजीरिया, जिंबाब्वे, यमन के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. छात्रों ने गुरुवार को यूनिवर्सिटी गेट पर ताला लगा दिया. विवाद की सूचना मिलते ही गंगरार थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों से समझाइश की, जिसके बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी गेट का ताला खोला. पुलिस, यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के बीच एक दौर की वार्ता हो चुकी है. फिलहाल कोई निर्णय नहीं हो पाया.
जानकारी मिली कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुवे मेवाड़ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यहां के हॉस्टल में रह रहे विदेशी छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी. इससे छात्रों में आक्रोश व्याप्त हो गया. छात्रों ने यूनिवर्सिटी में हंगामा कर दिया और मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी. इससे हड़कंप मच गया.
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यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि यहां रह रहे विदेशी छात्रों को कोविड-19 के संक्रमण के कारण परिसर से बाहर जाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं. जबकि विदेशी छात्रों का आरोप था कि जब यूनिवर्सिटी के स्टाफ रोजाना बाहर से आ रहे हैं तो उन्हें कोविड-19 के नियमों में क्यों नहीं बांधा जा रहा है. यह नियम सिर्फ विदेशी छात्रों पर ही क्यों लागू किया जा रहा है.