चित्तौड़गढ़. सदर थाना क्षेत्र के लालजी का खेड़ा गांव में गुरुवार शाम संपत्ति के लालच में भतीजे ने ही अपने चाचा की हत्या कर दी थी. पुलिस ने कुछ ही घंटों में घटना का पर्दाफाश कर आरोपित भतीजे को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस इससे पूछताछ में जुटी हुई है. जमीन विवाद और पुलिस मुखबिरी की शंका में हत्या की बात सामने आई है.
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि गुरुवार को सदर थाना इलाके के लालजी खेड़ा निवासी मोहनलाल (75) पुत्र हजारीलाल लोधा की उसके घर के ही बरामदे में किसी अज्ञात व्यक्ति ने सोते हुए की हत्या कर दी थी. मोहनलाल सहित उसके सात भाई लालजी खेड़ा में ही अपने परिवार के साथ रहते थे. स्वयं की संतान ना होने की स्थिति में मोहनलाल अपनी पत्नी बाली बाई के साथ अकेले रहता था. इसका फायदा उठाकर हत्यारे ने मोहनलाल की हत्या कर दी थी.
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सूचना मिलने पर थानाधिकारी सदर थाना विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे. मौके के हालात देखकर हत्या का कारण और हत्यारे का पता लगाने के लिए भीलवाड़ा से एफएसएल टीम, एसपी ऑफिस चित्तौड़गढ़ से एमओबी टीम व पुलिस लाइन से डॉग स्क्वाड बुलवाए गए. एफएसएल, एमओबी और डॉग स्क्वॉड टीम ने गहनता से घटनास्थल का मुआयना किया. घटना का सदर थाना पर प्रकरण दर्जकर पुलिस द्वारा जांच की गई. सदर थाना पुलिस ने लगातार वहीं रहकर तथ्यों को संकलन करने का काम किया. घटना की गंभीरता के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह ने पुलिस उपाधीक्षक नितीराज को भी मौके पर भेजा, जिन्होंने पुलिस टीम गठित कर घटना को शीघ्र ट्रैस कर हत्यारे को तत्काल पकड़ने का लक्ष्य रखा.
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पुलिस टीम ने मोहनलाल के परिवार के सदस्यों पर लगातार नजर रखी. मोहनलाल के बड़े भाई गोपीलाल के पुत्र बाबूलाल की दिनभर की गतिविधि और शंका के आधार पर उसे डिटेन कर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपने काका मोहनलाल की हत्या करना स्वीकार किया. आरोपी बाबूलाल ने पूछताछ में बताया कि काका के उनकी संपत्ति का अकेला मालिक था. चाचा की कोई संतान भी नहीं थी. कई सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, आरोपी बाबूलाल ने बताया कि उसका भाई गांजे की खेती कर रहा था. लेकिन उसके चाचा ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर पुलिस ने उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया. यही नाराजगी होने के कारण उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया.