कपासन (चित्तौड़गढ़). नगर के रामद्वारा सभागार में मातृ सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें नगर समेत क्षेत्र की 350 महिलाओं ने भाग लिया. यह सम्मेलन विद्या भारती संस्थान संस्थान की ओर से आयोजित किया गया. सम्मेलन में मुख्य वक्ता के तौर पर हिन्दी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुशीला लड्डा मौजूद रहीं.
बता दें कि सुशीला लड्डा ने सम्मेलन में उपस्थित मातृशक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे विद्यालय समाज में संस्कृति और संस्कारों को बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं. विदुषी महिलाओं जैसे गार्गी, मैत्रेयी, सीता, लक्ष्मीबाई आदि माताओं ने समय समय पर इस देश का नेतृत्व करते हुए भारत को विश्व का सिरमौर बनाया है. सामाजिक कुरीतियों कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, लव जिहाद, दूष्कर्म आदि के प्रति सचेत होकर इन्हें समाप्त करने हेतु एकजुट होकर प्रयत्न करना चाहिए.
पढ़ें: जानें कैसे 'शिव' ने अपनी जटा में समा लिया था गंगा का वेग
वहीं सम्मेलन को प्रंबंध समिति सचिव अम्बिका प्रसाद जायसवाल, डॉ. सरीता वैष्णव, डॉ. प्रमीला शर्मा और जिला मंत्री सत्यवीर शर्मा ने भी सम्बोधित किया. प्रंबंध समिति अध्यक्ष सुगनलाल बाघमार ने सभी अतिथियों का स्मृति पुष्प भेंट कर स्वागत किया. इस अवसर पर डॉ केशव पथिक और विद्याभारती संस्थान के सदस्य उपस्थित थे.