चित्तौड़गढ़. पुलिस कंट्रोल रूम से जिले के अधिकारियों और समस्त थाने के अधिकारियों सहित विभिन्न महकमें को बोजुन्दा में आवंटित मेडिकल कॉलेज की भूमि पर क्षेत्र में लंबे समय से सर्वे कर रहे विमान के क्रैश होने की जानकारी दी गई. आपात स्थिति में व्यवस्थाओं को परखने के लिए की गई इस कवायद को लेकर जिला कलेक्टर चेतनराम देवड़ा ने तात्कालिक प्रतिक्रिया पर संतोष व्यक्त किया.
मॉकड्रिल पूरी तरह गोपनीय थी, निर्देश मिलने पर मॉकड्रिल का आयोजन किया जाना था. लेकिन किस प्रकार की मॉकड्रिल होगी और किस स्थान पर होगी, इसे लेकर किसी को कोई जानकारी नहीं थी. जिले के किसी प्रशासनिक अधिकारी को जानकारी नहीं देने के पीछे आपात स्थिति की तात्कालिक प्रतिक्रिया की स्थिति का अवलोकन करने का उद्देश्य था, जिसमें सफलता मिली है.
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उन्होंने फायर बिग्रेड की सराहना करते हुए कहा कि सूचना मिलने के महज 6 मिनट में फायर बिग्रेड मौके पर पहुंच गई. इसके बाद अस्पताल में भी व्यवस्थाओं की जांच की गई, जिसे लेकर जिला कलेक्टर ने संतोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इस मॉकड्रिल को लेकर इसका आयोजन करने वाले अधिकारी के रूप में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चित्तौडग़ढ़ सरिता सिंह को जानकारी दी. इसके अतिरिक्त किसी को इस मामले में जानकारी नहीं दी गई.
इस दौरान पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर मुकेश कलाल, उपखण्ड अधिकारी तेजस्वी राणा, गंगरार थानाधिकारी लाभूराम विश्नोई, जिला पुलिस विशेष टीम के शिवलाल मीणा सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे.
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एक तरफ जहां पुलिस, फायर ब्रिग्रेड और एम्बुलैंस सेवाओं की जांच के लिए मौके पर परीक्षण हो गया. लेकिन मॉकड्रिल को वहीं खत्म नहीं किया गया. जिला कलक्टर देवड़ा ने अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को अस्पताल की व्यवस्थाएं जांचने के उद्देश्य से मौके से ही प्लेन क्रैश की सूचना दी और लोगों के घायल होने पर व्यवस्थाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए.
मौके पर पहुंची निजी और सरकारी एम्बुलेंस के चालकों को सायरन बजाते हुए अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए. जहां मौजूद रोगियों और उनके परिजनों में भी कौतूहल पैदा हो गया. बाद में अधिकारी अस्पताल भी पहुंचे और अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखकर संतोष व्यक्त किया. हालांकि जिला कलेक्टर ने आपातकालीन सेवाओं का द्वार बंद होने को लेकर जानकारी ली, जिस पर प्रभारी चिकित्सक डॉ. राकेश सचदेवा व अस्पताल पीएमओ डॉ. दिनेश वैष्णव ने बताया कि आउटडोर के दौरान सभी चिकित्सक ओपीडी में मौजूद रहते हैं. साथ ही एक एमओटी यूनिट भी आउटडोर के दौरान संचालित रहती है. इसलिए यह गेट बंद रहता है. मौके पर मॉकड्रिल की सूचना पर अस्पताल के उपनियंत्रक डॉ. मनीष वर्मा भी बोजुन्दा पहुंचे.