चित्तौड़गढ. जिले में एक नाबालिग ने अपने बाल विवाह का विरोध कर साहसिक कदम उठाया है. इतना ही नहीं दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस बालिका ने स्वयं थाने पहुंच कर इसकी जानकारी दी. पुलिस ने इसके परिजनों को बुलाया लेकिन वे थाने नहीं आए. इस पर नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया.
इस मामले में चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति ने संयुक्त रूप से पहल की है. जानकारी में सामने आया कि चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना मिली कि निम्बाहेड़ा की एक बालिका के परिजन उसका बाल विवाह करवाना चाहते हैं. सूचना मिलने पर चाइल्ड लाइन निम्बाहेड़ा से नारायणलाल भील मय दल सदस्य पुलिस थाना कोतवाली पहुंचे. लड़की ने स्वयं ने कोतवाली थाने में पहुंच कर बाल कल्याण अधिकारी और चाइल्ड लाइन टीम को बताया कि उसके परिवार वाले उसका बाल विवाह करवाना चाहते हैं लेकिन वह अभी पढ़-लिख कर अपना भविष्य संवारना चाहती है. लड़की की उम्र 17 साल है और वर्तमान में वह 10वीं कक्षा में अध्ययनरत है. उसने स्वयं बाल विवाह नहीं करने का साहसिक कदम उठाया है.
यह भी पढ़ें. SPECIAL : राजस्थान में 40 लाख युवाओं के सपनों पर कोरोना का ग्रहण...60 हजार भर्तियां अटकी
इस पर निम्बाहेड़ा कोतवाली थाने के बाल कल्याण अधिकारी प्रह्लाद सिंह ने लड़की के माता-पिता को थाने बुलाया लेकिन वो नहीं आए. इस पर चाइल्ड लाइन दल और पुलिस थाना कोतवाली ने आवश्यक कार्यवाही कर लड़की को निम्बाहेड़ा से बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के समक्ष पेश किया. अध्यक्ष बाल कल्याण समिति के रमेश चन्द्र दशोरा के निर्देशानुसार बालिका को शेल्टर होम भेजा गया. बालिका स्वस्थ है और उसके उज्जवल भविष्य के लिए शेल्टर होम में उसकी काउसलिंग की जा रही है.