चित्तौड़गढ़. रसद विभाग चित्तौड़गढ़ के प्रवर्तक अधिकारी विनय कुमार ने बताया कि अभी पेट्रोलियम पदार्थ संग्रहण को लेकर कोतवाली थाना निम्बाहेड़ा से सूचना मिली थी. कोतवाली थाने से एएसआई प्रहलादसिंह मय जाप्ता मड्डा चौराहा के समीप सड़क किनारे खड़ी एक महिन्द्रा पिकअप के पास पहुंचे. पिकअप के पीछे एक लोहे का टैंक बना हुआ था. साथ ही टैंक से डिस्पोजिंग यूनिट और एक नोजल जुड़ा हुआ था.
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मौके पर खड़े चालक रानीखेड़ा निवासी विकास पुत्र पृथ्वीराज कुमावत से इसके बारे में पूछने पर उसने बताया कि यह पिकअप उसका निजी वाहन है. इसके पीछे लोहे का टैंक व डिस्पोजिंग यूनिट मय नोजल के लगा रखा है. साथ ही इलेक्ट्रीक मीटर भी लगा रखा है. इस पिकअप में वह उसके ताऊजी के पुत्र रानीखेड़ा निवासी अनिल पुत्र नाथुलाल कुमावत की होटल से पेट्रोलियम पदार्थ भर कर लाता है. उसके कहे अनुसार ही उक्त पेट्रोलियम पदार्थ बायो डीजल के नाम से बेचने का वह कार्य करता है. मुनाफा दोनों बराबर बांट लेते है.
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उक्त बायो डीजल को उनके की ओर से 71 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जाता है. इस पर रसद विभाग और पुलिस की टीम ने विकास से पेट्रोलियम पदार्थ भंडारण, क्रय-विक्रय और परिवहन का लाईसेंस मांगा, जो उसके पास नहीं था. टीम की और से बिना लाइसेंस के अवैध पेट्रोलियम पदार्थ अलग-अलग नामों से बेचने के कारण 1524 लीटर पेट्रोलियम पदार्थ से भरे टैंक लगी महिन्द्रा पिकअप और पांच लीटर मापक जब्त कर निम्बाहेड़ा कोतवाली थाने लाया गया.
कोतवाली माल खाना इंचार्ज मुश्ताक की उपस्थिति में तीन एल्युमिनियम कंटेनर में नमूने लेकर सील किए गए. पुलिस की और से विकास कुमावत, अनिल कुमावत एवं पेट्रोलियम पदार्थ को भरने वाले होटल मालिक व संचालक के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 8 के अन्तर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.