चितौड़गढ़. जिले के आबकारी महकमें में देशी और विदेशी शराब की दुकानों के ठेकेदार नई आबकारी नीति के खिलाफ लामबंद हुए हैं. इसके चलते ठेकेदारों ने सोमवार को जिला आबकारी अधिकारी को आबकारी आयुक्त के नाम सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर आबकारी नीति में बदलाव करने की मांग की हैं.
जानकारी के अनुसार हाल ही में राज्य सरकार की ओर से नई आबकारी नीति जारी की गई है. इसके साथ ही शराब की दुकानों के लिए ऑनलाइन आवेदन भरे जा रहे हैं. इस दौरान, नई आबकारी नीति का जिले के ठेकेदारों की ओर से विरोध किया जा रहा है.
ज्ञापन में बताया गया है कि नई नीति में राजस्थान निर्मित शराब आरएमएल का हिस्सा कुल एकाकी विशेषाधिकार राशि का 30 प्रतिशत रखा गया है, जो कि न्याय संगत नहीं है. इसे हटाने की मांग की गई है. साथ ही बताया कि देशी शराब कंपोजिट दुकानों पर इसका विक्रय होने से दुकानों पर न्यूनतम विक्रय मूल्य वाली अंग्रेजी शराब की बिक्री कम होगी. इससे ठेकेदारों को पेनल्टी जमा करानी पड़ेगी और उनको नुकसान भी उठाना पड़ेगा.
साथ ही आबकारी और मध्य संयम नीति 2020-21 में दुकानों पर पोस मशीन से बिल बनाना गया है. इसके चलते ठेकेदारों को बिल बनाने के लिए अतिरिक्त सेल्समैन लगाना पड़ेगा, जिसके कारण उनके ऊपर भार बढ़ेगा. इसके साथ ही ज्ञापन में पुलिस के हस्तक्षेप को भी अनुचित बताया गया है.
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वहीं, शराब के गोदाम दूर होने के चलते दुकान पर ले जाते समय पुलिस कार्रवाई का भी डर लगा रहता है, इससे ठेकेदारों को नुकसान का भी सामना करना पड़ता है. इधर, इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि ठेकेदारों ने अपनी पीड़ा बताई है. उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. कुछ समस्याएं जयपुर से संबंध रखती है, इसके चलते इनके ज्ञापन को जयपुर आबकारी अधिकारी को भेज दिया गया हैं.