चित्तौड़गढ़. विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग पर स्थित ऐतिहासिक कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) पर तीन दिन में दूसरी बार आकाशीय बिजली (Lightning Strike) गिरने का मामला सामने आया. इसमें कीर्ति स्तंभ के ऊपर के हिस्से से एक पत्थर नीचे जा गिरा और भवन का शीर्ष मंजिल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. घटना की सूचना मिलने पर चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर दुर्ग पर पहुंचे और कीर्ति स्तंभ का जायजा लिया है. साथ ही पुरातत्व विभाग के अधिकारियों से बात कर शीघ्र सुरक्षा के उपाय करने के निर्देश दिए हैं.
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जानकारी में सामने आया है कि गत दो-तीन दिन से चित्तौड़गढ़ जिले में बिजली गिरने (Lightning Strike in Chhitorgarh) की घटनाएं सामने आ रही है. इसमें मंगलवार रात विश्व विख्यात चित्तौड़ दुर्ग स्थित कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) पर बिजली गिरी थी. इसमें एक पत्थर नीचे गिर गया था. इस मामले की जानकारी मिली तो गुरुवार सुबह चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर दुर्ग पर पहुंचे थे और जायजा लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
वहीं, गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे चित्तौड़गढ़ शहर और आसपास के क्षेत्रों में तेज बरसात हुई और आकाशीय बिजली भी गिरी थी. इसमें कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) पर एक बार फिर बिजली गिरी, जिसमें स्तंभ का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से ज्यादा नुकसान गुरुवार दोपहर में हुआ है.
गनीमत रही कि वह बिजली की चपेट में नहीं आया. बाद में वहां ड्यूटी कर रहे कर्मचारी ने उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. बिजली गिरने से कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) के ऊपर की मंजिल पर गुंबज का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ और एक बड़ा पत्थर नीचे आ गिरा.
जैन समाज के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) के अंदर कई प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो चुकी है और विभाग बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है. दिगंबर समाज के अध्यक्ष महेंद्र टोंगिया ने जिला कलेक्टर और पुरातत्व विभाग के अधिकारी को ऐतिहासिक कीर्ति स्तंभ (Kirti Stambh) के संरक्षण को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है.
बता दें, भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ इन्टेक चेप्टर के इंचार्ज बाबूलाल जाजू ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर पुरातत्व विभाग के संबंधित अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की है. उनका कहना है कि अधिकारियों की घोर लापरवाही से और तड़ित चालक यंत्र खराब होने के कारण कीर्ति स्तंभ पर बिजली गिरा और उसके ऊपर की ओर बना हिस्सा टूट गया.
जाजू ने बताया कि कीर्ति स्तंभ देखने के लिए देश-विदेश के हजारों पर्यटक प्रतिदिन आते हैं. ऐसे में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही से विदेशों में सरकार की छवि भी खराब हुई है. जाजू ने कहा कि बिजली गिरने से संपूर्ण ईमारत भी धराशाई हो सकती थी. अधिकारियों की ओर से यदि समय रहते तड़ित चालक यंत्र को ठीक करवा लिया होता तो निश्चित रूप से ऐतिहासिक इमारत को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता था
बाबूलाल जाजू ने मुख्यमंत्री से तड़ित चालक यंत्र को तुरंत ठीक कराने, बिजली गिरने के कारण हुए संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त किये जाने और संपूर्ण राजस्थान की ऐतिहासिक इमारतों के तड़ित चालक यंत्रों की जांच कराते हुए खराब यंत्रों को ठीक कराने की मांग की है. जिससे ऐतिहासिक इमारतों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके.