कपासन (चित्तौड़गढ़). संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर किसान महापंचायत में सौ से भी कम किसान पहुंचे. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले उपखंड अधिकारी कार्यालय के बाहर कृषि कानूनों के विरोध में किसान महापंचायत आयोजित की गई थी.
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक अमराराम चौधरी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुई किसान महापंचायत मे ग्रामीण क्षेत्र से आए किसानों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अमराराम चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश को कॉरपोरेट और पूंजीपतियों को बेच रही है.
तीनों कृषि कानूनों को किसानों की मौत के दस्तावेज बताते हुए चौधरी ने किसानों को एकजुट होकर कानूनों को रद्द होने तथा एमएसपी लागू करने तक चल रहे किसान आंदोलन को सहयोग करने की अपील की. चौधरी ने दिल्ली के निकट चल रहे शांजापुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन एवं महापंचायत के जरिये संदेश गांव गांव तक पहुंचाने की अपील किसानों से की.
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महापंचायत को किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष फूलचंद ढे़वा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ चंद्र देव औला, किसान फेडरेशन की लीला शर्मा, अफीम किसान संघर्ष समिति के सुवालाल बारेगामा, प्रभात सिन्हा, किसान विकास जागृति मंच के अनिल सुखवाल, शंकर लाल चैधरी ,विजेंद्र ओला, सौरभ नरूका ,कालूराम थोरी आदि ने संबोधित किया. कपासन क्षेत्र किसान वर्ग के लिए जाना पहचाना जाता है परंतु महापंचायत में भाग लेने वाले लोगों का आंकड़ा 100 से ऊपर नहीं पहुंच सका. संचालन कर्ताओं ने बार-बार कोरोना गाइडलाइन की दुहाई देते हुए महापंचायत में कम लोगों की सफाई दी. महापंचायत में ज्यादातर कॉमरेड कार्यकर्ता और कुछ महिलाएं भी पहुंचीं.
राशमी पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक
विधानसभा की राशमी पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में पेयजल,सडक, बिजली के मुददे छाये रहे. बैठक प्रधान दिनेश चन्द्र बुनकर की अध्यक्षता में आयोजित हुई. बैठक में पेयजल, बिजली, सड़क, शिक्षा, चिकित्सा, खाद्य सुरक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में सर्वप्रथम पूर्व गत बैठक दिसम्बर 2019 का अनुमोदन किया गया.
बैठक में प्रधान ने विचार व्यक्त करके के कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया. उसके बाद सड़क पेयजल बिजली खाद्य सुरक्षा चिकित्सा सहित विभागवार बैठक में आये मुद्दों पर विचार विमर्श करके निराकरण के लिये विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया.