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हाईकोर्ट से स्थगन आदेश के बाद खोर ने 13 वें दिन फिर संभाली केंद्रीय सहकारी बैंक की कमान

चित्तौड़गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के निवर्तमान अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खोर को हाईकोर्ट से स्थगन आदेश मिल गया है. इसके बाद खोर ने फिर से बैंक का कार्यभार संभाल (Laxman Singh Khor retake charge as chairperson) लिया.

Laxman Singh Khor retake charge as chairperson of Chittorgarh Kendriya Sahkari Bank
हाईकोर्ट से स्थगन आदेश के बाद खोर ने 13 वें दिन फिर संभाली केंद्रीय सहकारी बैंक की कमान
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Published : Jan 7, 2023, 11:01 PM IST

Updated : Jan 7, 2023, 11:36 PM IST

लक्ष्मण सिंह खोर ने फिर संभाली केंद्रीय सहकारी बैंक की कमान

चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ सहित 8 जिलों के केंद्रीय सहकारी बैंक बोर्ड को सरकार ने गत दिनों भंग कर दिया था. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ चित्तौड़गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के वर्तमान अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खोर हाईकोर्ट चले गए. जहां से कल शाम उन्हें स्थगन आदेश जारी कर दिए गए. इसके आधार पर 12 दिन बाद शनिवार को खोर ने फिर से बैंक का कार्यभार संभाल (Laxman Singh Khor retake charge as chairperson) लिया.

दरअसल गत 26 दिसंबर को रजिस्ट्रार सहकारी समितियां द्वारा एक आदेश जारी कर चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, चूरु , गंगानगर और हनुमानगढ़ के केंद्रीय बैंकों के बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने पर भंग कर दिया गया था. इसके स्थान पर नए चुनाव होने तक संबंधित जिला कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया गया. आदेश के अनुरूप बैंक के प्रबंध निदेशक नानालाल चावला ने जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को चेयरपर्सन का पदभार दिलाया.

पढ़ें: सतीश पूनिया का बढ़ सकता है कार्यकाल, आलाकमान से मिले ये बड़े संकेत

इस आदेश के खिलाफ निवर्तमान अध्यक्ष खोर हाईकोर्ट जोधपुर चले गए और डबल बेंच में याचिका पेश की. खोर ने बताया कि डबल बेंच ने सरकार के इस फैसले पर उन्हें स्टे ऑर्डर जारी कर दिया. उसी के अनुरूप आज उन्होंने फिर से कार्यभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सरकार ने बोर्ड भंग करने के लिए हाईकोर्ट के जिस निर्णय 20 जुलाई, 2021 का आधार लिया, वह सही नहीं है.

पढ़ें: कुलपति संग उलझते आरयू छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल का वीडियो हुआ वायरल

इसके अलावा सीकेएसबी की चुनाव प्रक्रिया भी चल रही है और बैंक की कुल 346 में से 341 जीएसएस का चुनाव से गठन हो चुका है. सिर्फ पांच समितियां बाकी रहीं. इसके बाद क्रय विक्रय सहकारी समितियों और सहकारी उपभोक्ता भंडार के चुनाव भी प्रस्तावित हैं. बावजूद इसके अचानक प्रशासक नियुक्त करने का आदेश गलत है. आपको बता दें कि खोर की अगुवाई वाले भाजपा समर्थित बोर्ड का कार्यकाल 6 अक्टूबर, 2020 को पूरा हो चुका था. सीकेएसवी के साथ कुछ दिन पहले भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष कमलेश पुरोहित का बोर्ड भी भंग करते हुए सरकार ने प्रशासक लगा दिया था. दोनों ही बैंकों में भाजपा समर्थकों का दबदबा था.

लक्ष्मण सिंह खोर ने फिर संभाली केंद्रीय सहकारी बैंक की कमान

चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ सहित 8 जिलों के केंद्रीय सहकारी बैंक बोर्ड को सरकार ने गत दिनों भंग कर दिया था. सरकार के इस निर्णय के खिलाफ चित्तौड़गढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के वर्तमान अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह खोर हाईकोर्ट चले गए. जहां से कल शाम उन्हें स्थगन आदेश जारी कर दिए गए. इसके आधार पर 12 दिन बाद शनिवार को खोर ने फिर से बैंक का कार्यभार संभाल (Laxman Singh Khor retake charge as chairperson) लिया.

दरअसल गत 26 दिसंबर को रजिस्ट्रार सहकारी समितियां द्वारा एक आदेश जारी कर चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, चूरु , गंगानगर और हनुमानगढ़ के केंद्रीय बैंकों के बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने पर भंग कर दिया गया था. इसके स्थान पर नए चुनाव होने तक संबंधित जिला कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया गया. आदेश के अनुरूप बैंक के प्रबंध निदेशक नानालाल चावला ने जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को चेयरपर्सन का पदभार दिलाया.

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इस आदेश के खिलाफ निवर्तमान अध्यक्ष खोर हाईकोर्ट जोधपुर चले गए और डबल बेंच में याचिका पेश की. खोर ने बताया कि डबल बेंच ने सरकार के इस फैसले पर उन्हें स्टे ऑर्डर जारी कर दिया. उसी के अनुरूप आज उन्होंने फिर से कार्यभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सरकार ने बोर्ड भंग करने के लिए हाईकोर्ट के जिस निर्णय 20 जुलाई, 2021 का आधार लिया, वह सही नहीं है.

पढ़ें: कुलपति संग उलझते आरयू छात्रसंघ अध्यक्ष निर्मल का वीडियो हुआ वायरल

इसके अलावा सीकेएसबी की चुनाव प्रक्रिया भी चल रही है और बैंक की कुल 346 में से 341 जीएसएस का चुनाव से गठन हो चुका है. सिर्फ पांच समितियां बाकी रहीं. इसके बाद क्रय विक्रय सहकारी समितियों और सहकारी उपभोक्ता भंडार के चुनाव भी प्रस्तावित हैं. बावजूद इसके अचानक प्रशासक नियुक्त करने का आदेश गलत है. आपको बता दें कि खोर की अगुवाई वाले भाजपा समर्थित बोर्ड का कार्यकाल 6 अक्टूबर, 2020 को पूरा हो चुका था. सीकेएसवी के साथ कुछ दिन पहले भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष कमलेश पुरोहित का बोर्ड भी भंग करते हुए सरकार ने प्रशासक लगा दिया था. दोनों ही बैंकों में भाजपा समर्थकों का दबदबा था.

Last Updated : Jan 7, 2023, 11:36 PM IST
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