चित्तौड़गढ़. 12 साल की मासूम से दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में पॉक्सो कोर्ट ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद और जुर्मान से दंडित किया (Rape convict gets life imprisonment in Chittorgarh) है. मामला 4 नवंबर, 2021 को दर्ज हुआ था.
विशिष्ट लोक अभियोजक शोभा लाल जाट ने बताया कि मामला राशमी थाना क्षेत्र का है. 4 नवंबर, 2021 को एक व्यक्ति द्वारा रिपोर्ट दी गई. रिपोर्ट के अनुसार शाम को वह अपने घर के बाहर बैठा था. इस दौरान नानूराम पुत्र शोभालाल बावरी के घर से किसी छोटी बच्ची के जोर—जोर से रोने की आवाज आ रही थी. यह सुनकर वह नानूराम के घर गया, तो उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई. नानूराम उसकी 12 साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म कर रहा था. हालांकि उसने उसे हटाने की भी कोशिश की, लेकिन नहीं हटा. वह सहायता के लिए चिल्लाया, इस पर उसकी पत्नी और भाभी आ गई और तीनों ने मिलकर नानूराम को अलग किया.
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इस मामले में राशमी थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो एक्ट के तहत विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया. आरोपी घटना के बाद मौके से फरार हो गया था. पुलिस ने नानूराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया तथा मामले से संबंधित आवश्यक सबूत और तथ्य जुटाए गए. मामले में विस्तृत अनुसंधान के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (3), 34, 365 तथा 3/4 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आरोपी नानूराम के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 17 गवाह और 33 दस्तावेज पेश किए गए.
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दोनों ही पक्षों की सुनवाई के बाद पॉक्सो एक्ट न्यायालय प्रथम के पीठासीन अधिकारी ने आरोपी हरनाथपुरा निवासी 42 वर्षीय नानूराम पुत्र शोभालाल बावरी को बालिका से दुष्कर्म के मामले में दोषी करार दिया तथा उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 5 साल का कठोर कारावास और 5000 रुपए का जुर्माना, 366 के तहत 7 वर्ष का कारावास तथा 10000 रुपए का जुर्माना लगाया. वहीं पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 25000 के अर्थदंड से दंडित किया गया. जुर्माने की अदम अदायगी पर अलग से कारावास भी सुनाया गया.