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चार दिन से लापता इशाक का जला हुआ मिला शव...कूबड़ से हुई शव की शिनाख्त

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Published : Dec 12, 2020, 10:48 PM IST

चित्तौड़गढ़ के धनोरा गांव में शनिवार को एक जली हुई लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस ने शव की पहचान चार दिन पहले लापता हुए इशाक के रूप में की है. शव की पहचान पीठ पर उभरे कूबड़ की वजह से हुई.

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कूबड़ से हुई जले हुए शव की शिनाख्त

चित्तौड़गढ़. जिले के निम्बाहेड़ा सदर थाना क्षेत्र के धनोरा गांव में मिले जले हुए शव की शिनाख्त आवरीमाता निवासी इशाक के रूप में हुई है. इसके शरीर पर कूबड़ था, जिससे परिजनों ने शिनाख्त कर ली. ये युवक भदेसर थाना क्षेत्र का रहने वाला है और पिछले 8 दिसम्बर से लापता था. इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई गई थी. शव को निम्बाहेड़ा चिकित्सालय लाया गया जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई हुई.

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा सदर थाना अंतर्गत धनोरा गांव के जंगल में जला हुआ शव मिला था. यहां गड्ढे में शव डाल कर जलाया गया था. शनिवार की सुबह इस क्षेत्र में आए लोगों ने शव देखा तो लोग सकते में आ गए.

जिसके बाद निंबाहेड़ा पुलिस उप अधीक्षक जगराम मीणा, सदर थानाधिकारी फूलचंद टेलर मय जाप्ता के मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. उदयपुर से एफएसएल और जिला मुख्यालय से एमओबी की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए. एफएसएल टीम ने शव को उल्टा किया तो इसकी पीठ पर कूबड़ नजर आया, जिससे इसके शव की पहचान भदेसर थाना क्षेत्र के आसावरा माताजी निवासी इशाक पुत्र शमसुद्दीन मंसूरी के रूप में हुई.

पढ़ें- कोहरे की आगोश में चित्तौड़गढ़...सड़कों पर रेंगते नजर आए वाहन, हादसे में दो की मौत

पुलिस उप अधीक्षक जगराम मीणा ने बताया कि शव करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुका था. ऐसे में उसकी शिनाख्त काफी मुश्किल से हुई. उन्होंने बताया कि इशाक पिछले 8 दिसम्बर से लापता था. वह आसावरा माताजी में साइकिल की दुकान चलाता था. 8 दिसम्बर को दोपहर बाद उसे नहीं देखा गया था. उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था.

प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि अन्यत्र हत्या कर शव को यहां गड्ढे में लाकर जलाया गया है. क्षेत्र में लोगों की आवाजाही भी बहुत ही कम रहती है. पुलिस को रंजिश या प्रेम प्रसंग के चलते वारदात को अंजाम देने का शक है.

कुछ ही घंटों में हुई मृतक की पहचान

चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा क्षेत्र में शनिवार को मिली अध जली लाश के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. महज कुछ ही घंटों में पुलिस मृतक की शिनाख्त करने में कामयाब हो गई. मृतक पिछले 4 दिन से लापता था. उसके हाथ पैर बंधे हुए थे. संभवत अज्ञात लोगों ने पेट्रोल डालकर उसे जला दिया और जंगल में फेंक कर निकल गए. फिलहाल पुलिस शिनाख्त के बाद अब हत्यारों तक पहुंचने की पड़ताल में जुट गई है.

पढ़ें- राजस्थान : भीषण सड़क हादसे में 7 लोगों की मौत, राहत कार्य जारी

पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में मृतक के हाथ और पैर बांधे जाने के बाद जलाने के सुराग मिले हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए उदयपुर से FSL और चित्तौड़गढ़ से पहुंची MOB टीम मौके पर पहुंची और मौके से आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए. डॉग स्कायड टीम ने भी मौके पर पहुंचकर पड़ताल की. निम्बाहेड़ा डिप्टी SP जगराम मीणा, CI फूलचंद टेलर के नेतृत्व में पुलिस टीम पड़ताल में जुटी रही.

चित्तौड़गढ़. जिले के निम्बाहेड़ा सदर थाना क्षेत्र के धनोरा गांव में मिले जले हुए शव की शिनाख्त आवरीमाता निवासी इशाक के रूप में हुई है. इसके शरीर पर कूबड़ था, जिससे परिजनों ने शिनाख्त कर ली. ये युवक भदेसर थाना क्षेत्र का रहने वाला है और पिछले 8 दिसम्बर से लापता था. इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी थाने में दर्ज कराई गई थी. शव को निम्बाहेड़ा चिकित्सालय लाया गया जहां पोस्टमार्टम की कार्रवाई हुई.

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा सदर थाना अंतर्गत धनोरा गांव के जंगल में जला हुआ शव मिला था. यहां गड्ढे में शव डाल कर जलाया गया था. शनिवार की सुबह इस क्षेत्र में आए लोगों ने शव देखा तो लोग सकते में आ गए.

जिसके बाद निंबाहेड़ा पुलिस उप अधीक्षक जगराम मीणा, सदर थानाधिकारी फूलचंद टेलर मय जाप्ता के मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. उदयपुर से एफएसएल और जिला मुख्यालय से एमओबी की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए. एफएसएल टीम ने शव को उल्टा किया तो इसकी पीठ पर कूबड़ नजर आया, जिससे इसके शव की पहचान भदेसर थाना क्षेत्र के आसावरा माताजी निवासी इशाक पुत्र शमसुद्दीन मंसूरी के रूप में हुई.

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पुलिस उप अधीक्षक जगराम मीणा ने बताया कि शव करीब 90 प्रतिशत से अधिक जल चुका था. ऐसे में उसकी शिनाख्त काफी मुश्किल से हुई. उन्होंने बताया कि इशाक पिछले 8 दिसम्बर से लापता था. वह आसावरा माताजी में साइकिल की दुकान चलाता था. 8 दिसम्बर को दोपहर बाद उसे नहीं देखा गया था. उसका मोबाइल भी बंद आ रहा था.

प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि अन्यत्र हत्या कर शव को यहां गड्ढे में लाकर जलाया गया है. क्षेत्र में लोगों की आवाजाही भी बहुत ही कम रहती है. पुलिस को रंजिश या प्रेम प्रसंग के चलते वारदात को अंजाम देने का शक है.

कुछ ही घंटों में हुई मृतक की पहचान

चित्तौड़गढ़ के निंबाहेड़ा क्षेत्र में शनिवार को मिली अध जली लाश के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. महज कुछ ही घंटों में पुलिस मृतक की शिनाख्त करने में कामयाब हो गई. मृतक पिछले 4 दिन से लापता था. उसके हाथ पैर बंधे हुए थे. संभवत अज्ञात लोगों ने पेट्रोल डालकर उसे जला दिया और जंगल में फेंक कर निकल गए. फिलहाल पुलिस शिनाख्त के बाद अब हत्यारों तक पहुंचने की पड़ताल में जुट गई है.

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पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में मृतक के हाथ और पैर बांधे जाने के बाद जलाने के सुराग मिले हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए उदयपुर से FSL और चित्तौड़गढ़ से पहुंची MOB टीम मौके पर पहुंची और मौके से आवश्यक साक्ष्य एकत्र किए. डॉग स्कायड टीम ने भी मौके पर पहुंचकर पड़ताल की. निम्बाहेड़ा डिप्टी SP जगराम मीणा, CI फूलचंद टेलर के नेतृत्व में पुलिस टीम पड़ताल में जुटी रही.

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