चित्तौड़गढ़. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रमांक-03 संजय कुमार भटनागर ने 3 वर्ष पुराने आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने और दहेज प्रताड़ना के मामले में अभियुक्त पति को दोषी मानते हुए 7 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया है.
लोक अभियोजक खुशनुद खान ने बताया कि 7 नवंबर 2016 को गंगरार थाने में नारायण गाडरी निवासी पहुना राशमी ने इस आशय की शिकायत दर्ज कराई की उसकी बहन उदी का शादी 8 वर्ष पूर्व भंवरलाल पुत्र भैरूलाल गाडरी निवासी कांसेडी के साथ हुआ था, जिसका गोना 3 वर्ष पूर्व हुआ.
गोना होने के बाद से ही भंवरलाल द्वारा उसकी बहन के साथ दहेज बाइक की मांग को लेकर मारपीट की जाती रही. इसी से परेशान होकर उसकी बहन उदी ने कैलाश गाडरी से नाता विवाह कर लिया. इस विवाद की एवज में सामाजिक रिवाज के अनुसार भंवरलाल और बद्री लाल निवासी बूढ ने कैलाश के परिवारजनों से 4 लाख 21 हजार रुपये प्राप्त कर लिए थे.
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खुशनुद खान ने बताया कि भंवरलाल बद्रीलाल और अन्य परिवार जन उसकी बहन उदी को जबरन उठा ले गए और भंवरलाल के घर में रख लिया. इसके बाद उसे सूचना मिली कि उसकी बहन ने फांसी का फंदा लगा कर आत्महत्या कर लीया है. नारायण द्वारा दी गई शिकायत में दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कराया गया था.
इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 22 दिसंबर 2016 को अभियुक्त भंवरलाल को गिरफ्तार कर लिया. प्रकरण का अनुसंधान कर पुलिस ने 11 जुलाई 2017 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया. प्रकरण की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 14 गवाह और 17 दस्तावेज पेश किए गए.
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर अभियुक्त भंवरलाल को दहेज प्रताड़ना के तहत 1 वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना और आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में 7 वर्ष का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है.