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फसलों में लगने वाले फॉल आर्मी वर्म की कैसे करें पहचान और क्या हैं बचाव के उपाय, जानिए

मक्का की फसल में इन दिनों फॉल आर्मी वर्म नाम का कीट लग रहा है. यह कीट बहुफसल भक्षी है. जो 80 से ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इस कीट के सिर पर उल्टा Y के आकार का सफेद निशान दिखाई देता है. इस कीट को फसलों में लगने से रोकने के लिए बारीक रेत या राख को मक्का के पोटे पर छिड़काव करें.

फॉल आर्मी वर्म क्या है,  What is fall army worm,  Measures to avoid fall army worm,  How to identify fall army worm
फॉल आर्मी वर्म
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Published : Jul 9, 2020, 8:02 PM IST

कपासन (चित्तौड़गढ़). मक्का की फसल में इन दिनों फॉल आर्मी वर्म नाम का कीट लग रहा है. जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है. इस नए कीट को लेकर किसानों को ज्यादा जानकारी भी नहीं है. इसको लेकर सहायक निदेशक कृषि डॉ. शंकर लाल जाट ने खेतों का निरीक्षण किया और किसानों को फॉल आर्मी वर्म के बारे में बताया कि इसकी पहचान कैसे करें और फसलों को इससे कैसे बचाएं.

फॉल आर्मी वर्म क्या है?

यह बहुफसल भक्षी कीट है जो 80 से ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इस किट की मादा मोथ मक्का के पौंधों की पत्तियों और तनों पर अण्डें देती है, जो एक बार में 50 से 200 अंडे देती है. यह अंडें 3 से 4 दिनों में फूट जातें है. फूटने के बाद इनसे जो लार्वा निकलता है जो 14 से 22 दिन तक की अवस्था में रहता है.

फॉल आर्मी वर्म बहुफसल भक्षी है

फॉल आर्मी वर्म की पहचान कैसे करें?

आपकी फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट लग गया है इसकी पहचान के लिए डॉ. शंकर लाल जाट ने बतााय कि कीट की मुख्य पहचान है कि इस कीट के सर पर उल्टा Y के आकार का सफेद निशान दिखाई देता है. लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाता है, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं. पत्तियों पर गोल-गोल छिद्र नजर आते है. यह लट मक्की के पोटे में बैठकर पौधे को नुकसान पहुंचाती है. यह कीट बुवाई से लेकर पौधे की कटाई अवस्था तक नुकसान पहुंचाता है. इसके द्वारा विसर्जित मल तने एवं पत्तियों पर नजर आता है. यह लट सुबह से शाम तक सक्रीय रहती है. कीट दोपहर में फसल की पत्तियों को खाता है.

पढ़ें: Special: उम्मीदों की फसल पर आसमानी आफत की 'छाया'...घबराए किसानों की अटकी सांसें

लार अवस्था पूर्ण हो जाने के पश्चात कीट प्युपा अवस्था में बदलकर भूरे से काले रंग का होता है. यह अवस्था 7 से 14 दिन तक रह कर इसके पश्चात पूर्ण नर एवं मादा मोथ बनती है. मक्का की फसल में तीन जीवन चक्र पूर्ण कर लेती है. इस तरह की मादा एक रात में 100 से 150 किमी. दूरी तय कर संक्रमण को दूर-दूर तक फैला सकती है.

फॉल आर्मी वर्म से कैसे करें फसलों का बचाव?

फॉल आर्मी वर्म से अपनी फसलों को कैसे बचाएं इसके लिए डॉ. शंकर लाल जाट ने इसके प्रभावी नियंत्रण के उपाय बताए. कीट को फसलों में लगने से रोकने के लिए बारीक रेत या राख का मक्का के पोटे पर छिड़काव करें. ट्राईकोग्रामा-ट्राईकोकॉड का उपयोग और प्रकाश पाश/फेरोमोन ट्रेप्स का भी उपयोग कर सकते हैं. प्रशांत जाटोलीया सहायक कृषि अधिकारी कपासन ने बताया कि किसानों को हमेशा नियमित रूप से अपने खेतों में जाकर कीटों की पहचान करनी चाहिए ताकि समय पर नियंत्रण कर आर्थिक नुकसान से बचा जा सके.

कपासन (चित्तौड़गढ़). मक्का की फसल में इन दिनों फॉल आर्मी वर्म नाम का कीट लग रहा है. जो फसलों को काफी नुकसान पहुंचाता है. इस नए कीट को लेकर किसानों को ज्यादा जानकारी भी नहीं है. इसको लेकर सहायक निदेशक कृषि डॉ. शंकर लाल जाट ने खेतों का निरीक्षण किया और किसानों को फॉल आर्मी वर्म के बारे में बताया कि इसकी पहचान कैसे करें और फसलों को इससे कैसे बचाएं.

फॉल आर्मी वर्म क्या है?

यह बहुफसल भक्षी कीट है जो 80 से ज्यादा फसलों को नुकसान पहुंचाता है. इस किट की मादा मोथ मक्का के पौंधों की पत्तियों और तनों पर अण्डें देती है, जो एक बार में 50 से 200 अंडे देती है. यह अंडें 3 से 4 दिनों में फूट जातें है. फूटने के बाद इनसे जो लार्वा निकलता है जो 14 से 22 दिन तक की अवस्था में रहता है.

फॉल आर्मी वर्म बहुफसल भक्षी है

फॉल आर्मी वर्म की पहचान कैसे करें?

आपकी फसल में फॉल आर्मी वर्म कीट लग गया है इसकी पहचान के लिए डॉ. शंकर लाल जाट ने बतााय कि कीट की मुख्य पहचान है कि इस कीट के सर पर उल्टा Y के आकार का सफेद निशान दिखाई देता है. लार्वा पौधों की पत्तियों को खुरचकर खाता है, जिससे पत्तियों पर सफेद धारियां दिखाई देती हैं. पत्तियों पर गोल-गोल छिद्र नजर आते है. यह लट मक्की के पोटे में बैठकर पौधे को नुकसान पहुंचाती है. यह कीट बुवाई से लेकर पौधे की कटाई अवस्था तक नुकसान पहुंचाता है. इसके द्वारा विसर्जित मल तने एवं पत्तियों पर नजर आता है. यह लट सुबह से शाम तक सक्रीय रहती है. कीट दोपहर में फसल की पत्तियों को खाता है.

पढ़ें: Special: उम्मीदों की फसल पर आसमानी आफत की 'छाया'...घबराए किसानों की अटकी सांसें

लार अवस्था पूर्ण हो जाने के पश्चात कीट प्युपा अवस्था में बदलकर भूरे से काले रंग का होता है. यह अवस्था 7 से 14 दिन तक रह कर इसके पश्चात पूर्ण नर एवं मादा मोथ बनती है. मक्का की फसल में तीन जीवन चक्र पूर्ण कर लेती है. इस तरह की मादा एक रात में 100 से 150 किमी. दूरी तय कर संक्रमण को दूर-दूर तक फैला सकती है.

फॉल आर्मी वर्म से कैसे करें फसलों का बचाव?

फॉल आर्मी वर्म से अपनी फसलों को कैसे बचाएं इसके लिए डॉ. शंकर लाल जाट ने इसके प्रभावी नियंत्रण के उपाय बताए. कीट को फसलों में लगने से रोकने के लिए बारीक रेत या राख का मक्का के पोटे पर छिड़काव करें. ट्राईकोग्रामा-ट्राईकोकॉड का उपयोग और प्रकाश पाश/फेरोमोन ट्रेप्स का भी उपयोग कर सकते हैं. प्रशांत जाटोलीया सहायक कृषि अधिकारी कपासन ने बताया कि किसानों को हमेशा नियमित रूप से अपने खेतों में जाकर कीटों की पहचान करनी चाहिए ताकि समय पर नियंत्रण कर आर्थिक नुकसान से बचा जा सके.

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