चित्तौड़गढ़. जिले की बड़ी सादड़ी नगरपालिका अध्यक्ष निर्मल पितलिया के खिलाफ उदयपुर ACB की टीम ने ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया था. एसीबी की कार्रवाई के 41 दिनों बाद सोमवार को स्वायत्त शासन विभाग जयपुर ने एक आदेश जारी कर निर्मल पितलिया को अध्यक्ष पद और पालिका सदस्य पद से निलंबित कर दिया है
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जानकारी के अनुसार 25 मई को उदयपुर एसीबी (Udaipur ACB) की ओर से कार्रवाई की गई थी, जिसमें बड़ी सादड़ी नगर पालिकाध्यक्ष फरार है. वहीं, अब राज्य सरकार के स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी किया है. इस आदेश में लिखा है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, जयपुर की ओर से नगरपालिका बड़ी सादड़ी अध्यक्ष और वार्ड संख्या 7 के सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) से मिले रिपोर्ट के हिसाब से निर्मल पितलिया अपने साले कुश शर्मा के माध्यम से रिश्वत राशि प्राप्त करना चाहते थे, जो कि प्रथम दृष्टया प्रमाणित हुआ है.
जांच प्रभावित होने की संभावना
निर्मल कुमार पिपलिया के पद पर बने रहने से जांच और गवाहों पर प्रभाव डाल कर जांच प्रभावित करने की संभावना है. इसलिए राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 46 (10) और धारा 39 में वर्णित विधिक प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई शुरू करने का फैसला लिया. सरकार ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (6) के प्रावधान के अंतर्गत निर्मल पिपलिया को सदस्य एवं अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया.
यह है पूरा मामला
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर (Anti Corruption Bureau Udaipur) में बड़ी सादड़ी तहसील के सागरिया निवासी विष्णुदत्त पुत्र डालचंद शर्मा ने एक रिपोर्ट पालिकाध्यक्ष बड़ीसादड़ी निवासी निर्मल पुत्र हिम्मत सिंह पितलिया और उसके साले कुश पुत्र सुरेशचंद्र शर्मा के खिलाफ दी थी. रिपोर्ट में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके बेटे की फर्म ने 2020-21 में बोहेड़ा रोड से कुवैत पैलेस होते हुए कुम्हारों के कुएं तक सड़क का डामरीकरण किया. इसके अलावा रतनलाल के घर से नगरपालिका की निर्मित दुकानों तक नाली का भी निर्माण किया गया.
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इस काम के लिए नगरपालिका पर 3 लाख 92 हजार 692 रुपए का भुगतान बाकी है. जब नगरपालिका अध्यक्ष निर्मल पितलिया को भुगतान करने के लिए कहा गया तो उन्होंने इसके एवज में अपना कमीशन मांगा. कमीशन के रूप में निर्मल ने 2 लाख रुपए की मांग की. इस पर परिवादी ने पालिकाध्यक्ष को साइन कर खाली चेक सौंप दिया. इसके बाद परिवादी ने इसकी शिकायत उदयपुर एसीबी (ACB) को की.
ACB ने 19 मई, 20 मई और 21 मई को इसका सत्यापन करवाया और 25 मई को ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया. नगर पालिका अध्यक्ष के साले कुश शर्मा साइन किया हुआ चेक लेकर SBI रकम निकलवाने पहुंचे. इस दौरान एसीबी उदयपुर की टीम ने कुश शर्मा को बैंक में ही गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद वे नगर पालिका अध्यक्ष के घर भी गए, लेकिन पहले से सूचना मिलने पर निर्मल पितलिया मौके से फरार हो गया.
बिना लाइसेंस वाली पिस्तौल मिली
साले को गिरफ्तार करने के बाद ACB की टीम जब सभापति के घर पहुंची और तलाशी ली, तो घर से एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस मिला. एसीबी की टीम ने पिस्तौल और जिंदा कारतूस जब्त कर बड़ीसादड़ी पुलिस को सौंपा दिया. जब परिजनों ने लाइसेंस थाने में जमा नहीं करवाया तो पालिकाध्यक्ष के खिलाफ बड़ीसादड़ी थाने पर आर्म्स एक्ट में प्रकरण दर्ज कर लिया गया. इस मामले में भी पालिकाध्यक्ष की तलाश जारी है.