चित्तौड़गढ़. जिले के मंडफिया कस्बे में स्थित प्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया जी मंदिर (Shri Sanwaliya Ji Temple) भगवान की गोशाला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गोवर्धन महाराज की पूजा की गई. इस मौके पर गाय और बैलों का विशेष श्रृंगार किया गया.
वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन महाराज की पूजा जाती है. इस दिन भगवान श्री सांवलिया जी सेठ के मंदिर के बाहर गोमाता के गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई गई. गोशाला की सभी गायों की पूजा की गई. वहीं गोवर्धन महाराज की पूजा कार्यक्रम देखने कुछ शरारती लोगों ने आतिशबाजी कर दी. इससे बैल और गाय बिदक गए.
पिछले साल कोरोना वायरस के कारण गोवर्धन पूजा का आयोजन नहीं हुआ था. गहलोत सरकार ने इस बार धार्मिक आयोजन की अनुमति दे थी. शुक्रवार सुबह महिलाएं गोशाला पहुंची और गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज बनाया गया. शाम 4.15 बजे शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजन कार्यक्रम शुरू हुआ. गोशाला के मुख्य द्वार के बाहर भगवान गोवर्धन का निर्माण कर पूजा की गई.
गाय और बैल का मेहंदी लगाकर किया विशेष श्रृंगार
पंडित विश्वनाथ आमेटा के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व अतिरिक्त जिला कलक्टर रतनकुमार स्वामी, मंदिर मंडल बोर्ड चेयरमैन कन्हैयादास वैष्णव, बोर्ड सदस्य भेरूलाल सोनी, गेहरी लाल गुर्जर, मदन लाल व्यास, प्रशासनिक अधिकारी कैलाशचंद्र दाधीच, केशियर नंदकिशोर टेलर, गौशाला प्रभारी कालू लाल तेली, विद्युत विभाग प्रभारी गौतम जारोली की मौजूदगी में भगवान गोवर्धन और गायों की पूजा की गई.
भगवान गोवर्धन तथा गोशाला की गायों की पूजा के बाद मंदिर मंडल ने लापसी का भोग गायों को लगाया. पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए गाय और बैल काे मेहंदी लगाई गई और विशेष श्रृंगार किया गया. पूजन देखने के लिए बड़ी संख्या में कस्बेवासी और आस-पास गांवों के लोग मौजूद रहे.