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चित्तौड़गढ़ में ब्लैक फंगस के चार मरीज मिले, सभी उदयपुर रेफर

चित्तौड़गढ़ में भी ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है. जिले में 4 लोगों में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है.

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Published : May 18, 2021, 6:29 AM IST

Chittorgarh news, black fungus case
चित्तौड़गढ़ में ब्लैक फंगस के चार मरीज मिले

चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना संक्रमण के बीच अब एक और डराने वाली ब्लैक फंगस बीमारी सामने आई है. यह हमारे देश के अन्य प्रदेशों के बाद अब चित्तौड़गढ़ में भी दस्तक दे चुकी है, जिसमें विगत दिनों में ब्लैक फंगस के चार संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है. चित्तौड़गढ़ जिले में कोरोना संक्रमण के कहर के बीच अब ब्लैक फंगस ने अपनी दस्तक दे दी. इसकी जानकारी देते हुए जिला राजकीय चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि विगत एक सप्ताह से आने वाले प्रत्येक मरीज पर ब्लैक फंगस को देखते हुए विशेष नजर रखी जा रही है, जिसमें कुल 4 से 5 लोगों में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है.

चित्तौड़गढ़ में ब्लैक फंगस के चार मरीज मिले

नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. देवेश शर्मा ने इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के मरीजों को म्यूकोर माइकोसिस या ब्लैक फंगस तेजी से चपेट में ले रहा है. इनमें से अधिकांश मरीज मधुमेह के रोगी है. वहीं कुछ मामलों में कोरोना संक्रमित होने के कुछ ही दिनों में ही यह मरीज इस बीमारी की चपेट में आए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना उपचार के दौरान रेमडेसिविर और स्टेरॉयड के अधिक उपयोग से मधुमेह और ओरल हाइजीन की कमी ब्लैक फंगस के तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस आमतौर पर नाक से शुरू होकर नेजल बोन पर आंखों को खराब कर सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता है. वहीं उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए खतरा पैदा कर दिया है. ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और उन्हें डायबिटीज है ऐसे लोगों के फेफड़े, आंखों और दिमाग पर ब्लैक फंगस असर डाल रहा है. उन्होंने बताया कि यह मरीज गत सात दिन में सामने आए हैं.

यह भी पढ़ें- कांस्टेबल की पिटाई video viral : नागौर के रोल थाने के कांस्टेबल की जमकर हुई धुनाई...मंथली वसूलने के लगे आरोप

कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पाएगी चित्तौड़गढ़ के लिए एक बुरी खबर है. अब तक केवल ब्लैक बंगाल का नाम ही सुन रहे थे लेकिन यहां भी चार संदिग्ध रोगी पाए गए जिनमें से एक मैं ब्लैक फंगस की पुष्टि भी हो गई है. यह चारों हीरो की पिछले 1 सप्ताह में जिला चिकित्सालय पहुंचे. फिलहाल जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद इन रोगियों को उचित उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है. पता चला है कि अब तक इन्हें संदिग्ध रोगी माना जा रहा था, लेकिन आज उदयपुर में एक रोगी की आंखों का ऑपरेशन किया गया. इसके साथ ही रोगी के ब्लैक फंगस का शिकार होने की पुष्टि हो गई. जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ देवेश शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.

चित्तौड़गढ़. जिले में कोरोना संक्रमण के बीच अब एक और डराने वाली ब्लैक फंगस बीमारी सामने आई है. यह हमारे देश के अन्य प्रदेशों के बाद अब चित्तौड़गढ़ में भी दस्तक दे चुकी है, जिसमें विगत दिनों में ब्लैक फंगस के चार संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है. चित्तौड़गढ़ जिले में कोरोना संक्रमण के कहर के बीच अब ब्लैक फंगस ने अपनी दस्तक दे दी. इसकी जानकारी देते हुए जिला राजकीय चिकित्सालय में नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि विगत एक सप्ताह से आने वाले प्रत्येक मरीज पर ब्लैक फंगस को देखते हुए विशेष नजर रखी जा रही है, जिसमें कुल 4 से 5 लोगों में ब्लैक फंगस के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है.

चित्तौड़गढ़ में ब्लैक फंगस के चार मरीज मिले

नेत्र रोग चिकित्सक डॉ. देवेश शर्मा ने इसके लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के मरीजों को म्यूकोर माइकोसिस या ब्लैक फंगस तेजी से चपेट में ले रहा है. इनमें से अधिकांश मरीज मधुमेह के रोगी है. वहीं कुछ मामलों में कोरोना संक्रमित होने के कुछ ही दिनों में ही यह मरीज इस बीमारी की चपेट में आए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना उपचार के दौरान रेमडेसिविर और स्टेरॉयड के अधिक उपयोग से मधुमेह और ओरल हाइजीन की कमी ब्लैक फंगस के तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण है. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस आमतौर पर नाक से शुरू होकर नेजल बोन पर आंखों को खराब कर सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए तुरंत उपचार की आवश्यकता है. वहीं उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए खतरा पैदा कर दिया है. ऐसे लोग जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और उन्हें डायबिटीज है ऐसे लोगों के फेफड़े, आंखों और दिमाग पर ब्लैक फंगस असर डाल रहा है. उन्होंने बताया कि यह मरीज गत सात दिन में सामने आए हैं.

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कोरोना महामारी से निपट भी नहीं पाएगी चित्तौड़गढ़ के लिए एक बुरी खबर है. अब तक केवल ब्लैक बंगाल का नाम ही सुन रहे थे लेकिन यहां भी चार संदिग्ध रोगी पाए गए जिनमें से एक मैं ब्लैक फंगस की पुष्टि भी हो गई है. यह चारों हीरो की पिछले 1 सप्ताह में जिला चिकित्सालय पहुंचे. फिलहाल जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार के बाद इन रोगियों को उचित उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है. पता चला है कि अब तक इन्हें संदिग्ध रोगी माना जा रहा था, लेकिन आज उदयपुर में एक रोगी की आंखों का ऑपरेशन किया गया. इसके साथ ही रोगी के ब्लैक फंगस का शिकार होने की पुष्टि हो गई. जिला चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ देवेश शर्मा ने इसकी पुष्टि की है.

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