चित्तौड़गढ़. करीब 8 साल पहले हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में एक अभ्यर्थी ने फर्जीवाड़ा कर नियुक्ति पाई थी, जिसके बाद उसकी पोस्टिंग पहले चित्तौड़गढ़ फिर बाड़मेर में हुई. साइन मैच नहीं होने के बाद इस मामले का खुलासा हुआ. आरोपी के खिलाफ रविवार को सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस उपाधीक्षक बुधराज टांक ने इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई है. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि जालोर जिले के डेडवा गांव निवासी सुरेश पुत्र भीखाराम विश्नोई ने वर्ष 2014 में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा में किसी अन्य से परीक्षा दिलवाई थी. इसके बाद उसे नियुक्ति भी मिल गई. मामला सामने आने के बाद वर्ष 2018 में दो भाइयों की गिरफ्तारी हुई थी. उन्होंने पूछताछ में चित्तौड़गढ़ में हुई भर्ती परीक्षा के दौरान गड़बड़ी किए जाने की बात कबूल की थी.
जांच रिपोर्ट में आने में देरी हुई :अभ्यर्थी की आंसर शीट की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (FSL) से जांच कराने के लिए मुख्यालय से मंगाई गई, लेकिन इसमें देरी हुई. इसके अलावा सुरेश भी बयान के लिए नहीं आ रहा था, इस कारण जांच में इतना समय लगा. एफएसएल से जांच रिपोर्ट आने के बाद फर्जी तरीके से परीक्षा दिए जाने की पुष्टि हो गई.
साइन मिसमैच पाए गए : सुरेश कुमार विश्नोई वर्ष 2014 में चित्तौड़गढ़ पुलिस लाइन में पोस्टेड था, इसके बाद उसका ट्रांसफर बाड़मेर हो गया. मामले में पुलिस की ओर से 2018 में पकड़े गए दिनेश कुमार और गणपत लाल विश्नोई सुरेश के रिश्तेदार हैं. फिलहाल, पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी.