कपासन (चितौड़गढ़). कपासन विधानसभा क्षेत्र के सैकडों अफीम उगाने वाले किसानों ने उपखंड कार्यालय पहुंच कर डोडा-चुरा नष्टीकरण रोकने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया गया कि साल 2018-19 की अफीम पोस्त नष्टीकरण की प्रक्रिया 4 दिसंबर बुधवार से प्रारंभ की जा रही है. जिसको तुरन्त प्रभाव से रोका जाए.
किसानों ने बताया कि अफीम पोस्त एक साल पुराना है. इस साल अतिवृष्टि और चूहों के प्रकोप से घरों में रखा गया पोस्त काफी हद तक सड़-गल गया है. पोस्त को जिस भी स्थिति में हो नष्ट करवाने, अफीम-पोस्त की वर्तमान दर से अधिक मुआवजा दिलाया जाने की मांग की है. साथ ही किसानों ने काश्तकार के खेत में ही खेत खाली होने पर जलाये जाने की मांग की है. वहीं किसानो ने बताया कि वर्तमान में काश्तकार रबी की फसल की बुवाई में व्यस्त होने के कारण अफीम-पोस्त नष्टिकरण की प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते. इसके लिए प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जाना चाहीए.
यह भी पढे़ं. Special: आंखों में ठीकरी और कानों में तेल डाले बैठे हैं अधिकारी, अब तक परवन नदी से करोड़ों का हो चुका अवैध खनन
अफीम-पोस्त नष्टीकरण की मात्रा 6 किलोग्राम प्रति आरी निश्चित की गई है. लेकिन इस साल दर अधिक होने के कारण और अतिवृष्टि के कारण से अफीम-पोस्त नष्ट हो गया है. जिसके कारण मात्रा को 2 किलोग्राम प्रति आरी निश्चित करके नष्ट किया जाए. सहीत अफीम-पोस्त नष्टीकरण की प्रक्रिया में भ्रष्टाचार अधिक होने की संभावना से अफीम मुखिया और काश्तकारों द्वारा अफीम-पोस्त नष्टीकरण की प्रक्रिया की जाए. जिससे काश्तकारों को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके.
यह भी पढे़ं.स्पेशल: राजस्थान की 'सुगड़ी देवी' उत्तराखंड के इस गांव की महिलाओं को सिखाएंगी कशीदाकारी
इससे पूर्व सभी किसानों ने उपखंड कार्यालय के बाहर एक सभा का भी आयोजन किया. जिसमें कई किसान नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए. उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद सभी किसान पैदल वहां से आबकारी थाना पहुंचे. जहां उन्होंने आबकारी थानाधिकारी को भी इस सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा.