चित्तौड़गढ़. नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले में पॉक्सो कोर्ट ने मुख्य आरोपी को दोषी करार दिया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. उस पर 45000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. इस मामले में उसके तीन साथियों को 4 साल पहले सजा सुनाई जा चुकी है. पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुवालाल जाट के अनुसार मामला चित्तौड़गढ़ सदर थाना क्षेत्र का है. अप्रैल 2014 को पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दी कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री 20 अप्रैल को सुबह घर से निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी.
कॉलेज में पता किया तो सामने आया कि उसके पास एक मोबाइल था. पुलिस ने मोबाइल के आधार पर मामले की पड़ताल शुरू की, जिसमें 4 लोगों के नाम सामने आए. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान सवाई माधोपुर निवासी धर्मेंद्र पुत्र किशन लाल मीणा, रावतभाटा चित्तौड़गढ़ निवासी ज्योति सेन पुत्री राजू सेन और अलवर निवासी हरीश कुमार पुत्र किशन लाल जाटव को गिरफ्तार किया. उसके बाद इनके खिलाफ आरोप पत्र पेश किया.
पढ़ें : पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को सुनाई 10 साल की सजा
पॉक्सो कोर्ट ने पांचवे साल तीनों ही आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई, जबकि मुख्य आरोपी हिंडौन करौली निवासी धर्मू उर्फ धर्मेंद्र पुत्र रामरतन मीणा फरार था, जिसे पुलिस ने अगस्त 2020 में गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया. विशेष लोक अभियोजक के अनुसार आरोपी के खिलाफ मामले में 12 गवाह तथा इतने ही डॉक्यूमेंट पेश किए गए. पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के पीठासीन अधिकारी ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास के साथ-साथ 45000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.