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चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट के हालात...अवैध जल दोहन पर पाबंदी, लगातार होगी गश्त

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Published : Dec 23, 2020, 9:51 PM IST

चित्तौड़गढ़ में अब पेयजल की समस्या दिखाई देने लगी है. वहीं, बुधवार को जिला प्रशासन ने पानी के अवैध दोहन पर प्रतिबंध लगाते हुए गश्त अनिवार्य कर दी. बैठक में अध्यक्ष जिला पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह को उप निरीक्षक मय 1|4 जाप्ते नियुक्त करते हुए रात दिन नियमित गश्त के निर्देश दिए गए.

चित्तौड़गढ़ की ताजा हिंदी खबरें, चित्तौड़गढ़ नगरीय क्षेत्र , Drinking water crisis
चित्तौड़गढ़ में पेयजल संकट को लेकर जिला प्रशासन ने की बैठक

चित्तौड़गढ़. शहर में पेयजल संकट के हालात बनते दिख रहे हैं. घोसुंडा बांध को शहर की लाइफ लाइन माना जाता है जोकि धीरे धीरे मैदान में तब्दील होता जा रहा है. भविष्य की तस्वीर को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को बैठक लेते हुए पानी के अवैध दोहन पर प्रतिबंध लगाते हुए गश्त अनिवार्य कर दी. इस संबंध में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.

जिला कलेक्टर केके शर्मा के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ नगरीय क्षेत्र में पेयजल संकट खड़े होने की आशंका में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार कलाल की अध्यक्षता में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली गई. बैठक में अध्यक्ष जिला पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह को उप निरीक्षक मय 1|4 जाप्ते नियुक्त करते हुए रात दिन नियमित गश्त के निर्देश दिए गए.

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को घोसुंडा बांध की पास स्थित डाक बंगले में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया. नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियंता ही होंगे.

अधीक्षण अभियंता संयुक्त दल के अधिकारियों से निरंतर संपर्क में रहेंगे और प्रतिदिन किए जाने वाले कार्य की नियमित रिपोर्ट जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे. बैठक के निर्णय अनुसार घोसुंडा बांध और नदी के पेटे से सिंचाई के लिए अवैध तरीके से जल का दोहन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए.

पढ़ें- SNCU रैंकिंग में एक बार फिर टॉप पर चित्तौड़गढ़...हर मापदंड पर खरा उतरा

संयुक्त दल की ओर से की जाने वाली इस कार्रवाई से भी प्रशासन को अवगत कराने के निर्देश दिए गए. उपखंड अधिकारी श्याम सुंदर विश्नोई, चित्तौड़गढ़ भदेसर तहसीलदार विकास अधिकारी के अलावा संबंधित पुलिस थानों के प्रभारी भी मौजूद थे.

चित्तौड़गढ़. शहर में पेयजल संकट के हालात बनते दिख रहे हैं. घोसुंडा बांध को शहर की लाइफ लाइन माना जाता है जोकि धीरे धीरे मैदान में तब्दील होता जा रहा है. भविष्य की तस्वीर को देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को बैठक लेते हुए पानी के अवैध दोहन पर प्रतिबंध लगाते हुए गश्त अनिवार्य कर दी. इस संबंध में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.

जिला कलेक्टर केके शर्मा के निर्देश पर चित्तौड़गढ़ नगरीय क्षेत्र में पेयजल संकट खड़े होने की आशंका में अतिरिक्त जिला कलेक्टर मुकेश कुमार कलाल की अध्यक्षता में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली गई. बैठक में अध्यक्ष जिला पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह को उप निरीक्षक मय 1|4 जाप्ते नियुक्त करते हुए रात दिन नियमित गश्त के निर्देश दिए गए.

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता को घोसुंडा बांध की पास स्थित डाक बंगले में नियंत्रण कक्ष स्थापित कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया. नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी अधीक्षण अभियंता ही होंगे.

अधीक्षण अभियंता संयुक्त दल के अधिकारियों से निरंतर संपर्क में रहेंगे और प्रतिदिन किए जाने वाले कार्य की नियमित रिपोर्ट जिला कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे. बैठक के निर्णय अनुसार घोसुंडा बांध और नदी के पेटे से सिंचाई के लिए अवैध तरीके से जल का दोहन करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए गए.

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संयुक्त दल की ओर से की जाने वाली इस कार्रवाई से भी प्रशासन को अवगत कराने के निर्देश दिए गए. उपखंड अधिकारी श्याम सुंदर विश्नोई, चित्तौड़गढ़ भदेसर तहसीलदार विकास अधिकारी के अलावा संबंधित पुलिस थानों के प्रभारी भी मौजूद थे.

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