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चित्तौड़गढ़ः अस्पताल के बगीचे में प्रसव का मामला, परिजनों ने महिला चिकित्सक पर लापरवाही का लगाया आरोप

चित्तौड़गढ़ के राजकीय महिला एवं बाल चिकित्सालय में बगीचे में प्रसव के मामले में परिजनों ने आक्रोश जताया है. साथ ही परिजनों का आरोप है कि महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन से प्रसव कराने पर दबाव डाला. वहीं हमारे मना करने पर चिकित्सक की ओर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

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अस्पताल के बगीचे में प्रसव का मामला
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Published : Mar 8, 2020, 7:11 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिले के राजकीय महिला एवं बाल चिकित्सालय में प्रसव के लिए आई एक महिला के ऑपरेशन से इंकार कर देने पर चिकित्सकों ने उसे प्रसव के लिए मना कर दिया. जिसके बाद ये महिला चिकित्सालय परिसर के बगीचे में पहुंची, तब वहीं प्रसव हो गया. इस बात को लेकर परिजनों ने आक्रोश भी जताया है.

अस्पताल के बगीचे में प्रसव का मामला

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित महिला और बाल चिकित्सालय में शनिवार को सामरी निवासी महिला सीमा गुर्जर प्रसव के लिए परिजनों के साथ आई थी. कथित तौर पर इसके परिजनों का आरोप है कि चिकित्सालय में महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन से प्रसव कराने पर दबाव डाला. इस पर महिला के परिजनों ने ऑपरेशन करवाने से इंकार कर दिया और सामान्य प्रसव करने के लिए कहा.

इस पर चिकित्सक ने उन्हें चिकित्सालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया. महिला को लेकर परिजन चिकित्सालय में स्थित बगीचे में पहुंचे ही थे कि इसी दौरान वहीं प्रसव हो गया. मामले की जानकारी मिलने पर भीड़ जमा हो गई तो परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया.

पढ़ेंः कोरोना वायरस: जयपुर रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों को बांटे गए मास्क और सैनिटाइजर

साथ ही बगीचे में प्रसव की जानकारी मिली तो चिकित्सालय प्रशासन हरकत में आ गया. ट्रॉलीमेन और नर्सिंग स्टाफ को भेज कर महिला और नवजात को चिकित्सालय में लिया गया. महिला चिकित्सकों ने इसका सारा ठिकरा विवाहिता के परिजनों पर ही फोड़ा. इधर, परिजनों का आरोप है कि यहां आए दिन महिलाओं के परिजनों पर ऑपरेशन के लिए दबाव डाला जाता है.

बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार आमजन को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बना कर आम जन तक पहुंचा रही है, लेकिन सरकारी चिकित्सक इन योजनाओं को पलीता लगाने से नहीं चूक रहे है और आमजन को जिला राजकीय चिकित्सालय में भी पूरी सुविधाएं नहीं दे मिल पा रही हैं.

चित्तौड़गढ़. जिले के राजकीय महिला एवं बाल चिकित्सालय में प्रसव के लिए आई एक महिला के ऑपरेशन से इंकार कर देने पर चिकित्सकों ने उसे प्रसव के लिए मना कर दिया. जिसके बाद ये महिला चिकित्सालय परिसर के बगीचे में पहुंची, तब वहीं प्रसव हो गया. इस बात को लेकर परिजनों ने आक्रोश भी जताया है.

अस्पताल के बगीचे में प्रसव का मामला

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित महिला और बाल चिकित्सालय में शनिवार को सामरी निवासी महिला सीमा गुर्जर प्रसव के लिए परिजनों के साथ आई थी. कथित तौर पर इसके परिजनों का आरोप है कि चिकित्सालय में महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन से प्रसव कराने पर दबाव डाला. इस पर महिला के परिजनों ने ऑपरेशन करवाने से इंकार कर दिया और सामान्य प्रसव करने के लिए कहा.

इस पर चिकित्सक ने उन्हें चिकित्सालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया. महिला को लेकर परिजन चिकित्सालय में स्थित बगीचे में पहुंचे ही थे कि इसी दौरान वहीं प्रसव हो गया. मामले की जानकारी मिलने पर भीड़ जमा हो गई तो परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया.

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साथ ही बगीचे में प्रसव की जानकारी मिली तो चिकित्सालय प्रशासन हरकत में आ गया. ट्रॉलीमेन और नर्सिंग स्टाफ को भेज कर महिला और नवजात को चिकित्सालय में लिया गया. महिला चिकित्सकों ने इसका सारा ठिकरा विवाहिता के परिजनों पर ही फोड़ा. इधर, परिजनों का आरोप है कि यहां आए दिन महिलाओं के परिजनों पर ऑपरेशन के लिए दबाव डाला जाता है.

बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार आमजन को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं बना कर आम जन तक पहुंचा रही है, लेकिन सरकारी चिकित्सक इन योजनाओं को पलीता लगाने से नहीं चूक रहे है और आमजन को जिला राजकीय चिकित्सालय में भी पूरी सुविधाएं नहीं दे मिल पा रही हैं.

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