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सांसद निधि पर रोक से चित्तौड़गढ़ में नहीं होगी परेशानी, अब तक सारे काम पूरे

पीएम की कैबिनेट बैठक में अगले दो वर्षों तक सांसदों को क्षेत्र के विकास के लिए खर्च दिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी है. ऐसे में चित्तौड़गढ़ में इस रोक से कोई काम अधूरे नहीं रहेंगे.

Chittorgarh development work completed, चितौड़गढ़ के विकास कार्य पूरा
चितौड़गढ़ के विकास कार्य पूरा
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Published : Jun 15, 2020, 2:56 PM IST

चित्तौड़गढ़. पूरा देश कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. इस बीच गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सांसद निधि को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. बैठक में तय किया है था कि अगले दो वर्षों तक सांसदों को क्षेत्र के विकास के लिए खर्च दिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी गई है. यह आदेश आने के बाद सभी संसदीय क्षेत्रों में सांसद मदद से होने वाले कार्यों के अटकने के कयास लगाए जा रहे थे.

ऐसे में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में भी ऐसी ही संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन इस संबंध में जब पड़ताल की तो सामने आया कि चितौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद से पूर्व में दिए बजट के एक भी काम अधूरे नहीं रहेंगे. इसका कारण भी यह सामने आया कि सांसद मद से बड़े कार्यों में स्वीकृति नहीं दी, जिसमे बजट की बहुत अधिक जरूरत हो.

चितौड़गढ़ के विकास कार्य पूरे

अब तक छोटे-छोटे कार्यों को ही स्वीकृति दी, जो अधिकतम 8 से 10 लाख के बजट थे, जो एक बार में ही पूरे हो. जानकारी के अनुसार देश में सांसदों को सांसद निधि के तहत खर्च करने के लिए फिलहाल पांच करोड़ रुपए प्रति वर्ष मिलते हैं. हाल ही में संसदीय समिति ने इसे बढ़ाकर 10 या 15 करोड़ रुपए किए जाने की सिफारिश की थी.

सांसद क्षेत्रीय विकास योजना या सांसद निधि की नियमावली के अनुसार, प्रत्येक वर्ष की राशि ढाई-ढाई करोड़ की किस्तों में दो बार निर्गत होती है. इसमें एक किस्त का काम पूरा कर उसका उपयोग प्रमाण पत्र जमा करा दिया, तभी दूसरी किस्त जारी होती है.

पढ़ेंः लॉकडाउन में सांवलिया सेठ को ड्राफ्ट के जरिए चढ़ावा, भक्त ने भेंट किए 1.38 करोड़

मोदी सरकार-2 का एक वर्ष हाल ही में पूरा हुआ है. एक वर्ष पूरा होता उससे पहले ही कोरोना का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गत दिनों पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में सांसद निधि पर अगले दो साल के लिए रोक लगा दी गई है. इसका विपक्ष सहित कई राजनीतिक दलों ने विरोध भी किया था.

ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि इससे सांसद मद में हो रहे कार्यों पर असर पड़ेगा और काम अटक जाएंगे. वहीं पूर्व में सांसद मदद में स्वीकृत हुए कार्य पूरे हो चुके हैं. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिले तक 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. चित्तौड़गढ़ में वर्तमान सांसद सीपी जोशी हैं, जिनका लगातार दूसरा कार्यकाल हैं.

जानकारी मिली है कि चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद में छोटे-छोटे कार्यों को स्वीकृति दी गई हैं. इसमें मुख्य रूप से विभिन्न समाजों में बरामदे और हॉल का निर्माण, स्वछता रथ (कचरा एकत्रित करने के लिए ऑटो), गांवों में पानी की टंकी और सीसी रोड निर्माण, अखाड़ा विस्तार, जिम का निर्माण, एम्बुलेंस का आंवटन कार्य शामिल है.

इन कार्यों पर 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का बजट दिया है. इनमें से सारे काम पूरे हो चुके हैं. बड़े कार्यों को अन्य मदद से कराए गए हैं. ऐसे में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद का कोई काम अधूरा नहीं रहेगा.

जानकारी मिली है कि अकेले चितौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 70 कार्य सांसद मदद में हुए हैं. इस बारे में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का कहना है कि हमारा प्रयास था कि क्षेत्र में सांसद मदद में ज्यादातर पक्के निर्माण हो, 95 प्रतिशत तक कार्य खुले बरामदे और सामुदायिक भवन निर्माण करवाए हैं.

पढ़ेंः राज्यसभा चुनाव का 'रण': राज्य में सियासी पारा चरम पर, शब्दों के बाण से बिछाते रहे बिसात

यह था उद्देश्य

जानकारी में सामने आया कि सांसद निधि की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने 1993 में की थी. इसके तहत तय किया गया था कि सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता दी जाएगी.

चित्तौड़गढ़. पूरा देश कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. इस बीच गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सांसद निधि को लेकर बड़ा फैसला लिया गया था. बैठक में तय किया है था कि अगले दो वर्षों तक सांसदों को क्षेत्र के विकास के लिए खर्च दिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी गई है. यह आदेश आने के बाद सभी संसदीय क्षेत्रों में सांसद मदद से होने वाले कार्यों के अटकने के कयास लगाए जा रहे थे.

ऐसे में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में भी ऐसी ही संभावनाएं जताई जा रही थी, लेकिन इस संबंध में जब पड़ताल की तो सामने आया कि चितौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद से पूर्व में दिए बजट के एक भी काम अधूरे नहीं रहेंगे. इसका कारण भी यह सामने आया कि सांसद मद से बड़े कार्यों में स्वीकृति नहीं दी, जिसमे बजट की बहुत अधिक जरूरत हो.

चितौड़गढ़ के विकास कार्य पूरे

अब तक छोटे-छोटे कार्यों को ही स्वीकृति दी, जो अधिकतम 8 से 10 लाख के बजट थे, जो एक बार में ही पूरे हो. जानकारी के अनुसार देश में सांसदों को सांसद निधि के तहत खर्च करने के लिए फिलहाल पांच करोड़ रुपए प्रति वर्ष मिलते हैं. हाल ही में संसदीय समिति ने इसे बढ़ाकर 10 या 15 करोड़ रुपए किए जाने की सिफारिश की थी.

सांसद क्षेत्रीय विकास योजना या सांसद निधि की नियमावली के अनुसार, प्रत्येक वर्ष की राशि ढाई-ढाई करोड़ की किस्तों में दो बार निर्गत होती है. इसमें एक किस्त का काम पूरा कर उसका उपयोग प्रमाण पत्र जमा करा दिया, तभी दूसरी किस्त जारी होती है.

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मोदी सरकार-2 का एक वर्ष हाल ही में पूरा हुआ है. एक वर्ष पूरा होता उससे पहले ही कोरोना का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में गत दिनों पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में सांसद निधि पर अगले दो साल के लिए रोक लगा दी गई है. इसका विपक्ष सहित कई राजनीतिक दलों ने विरोध भी किया था.

ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि इससे सांसद मद में हो रहे कार्यों पर असर पड़ेगा और काम अटक जाएंगे. वहीं पूर्व में सांसद मदद में स्वीकृत हुए कार्य पूरे हो चुके हैं. चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिले तक 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. चित्तौड़गढ़ में वर्तमान सांसद सीपी जोशी हैं, जिनका लगातार दूसरा कार्यकाल हैं.

जानकारी मिली है कि चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद में छोटे-छोटे कार्यों को स्वीकृति दी गई हैं. इसमें मुख्य रूप से विभिन्न समाजों में बरामदे और हॉल का निर्माण, स्वछता रथ (कचरा एकत्रित करने के लिए ऑटो), गांवों में पानी की टंकी और सीसी रोड निर्माण, अखाड़ा विस्तार, जिम का निर्माण, एम्बुलेंस का आंवटन कार्य शामिल है.

इन कार्यों पर 1 लाख से लेकर 10 लाख तक का बजट दिया है. इनमें से सारे काम पूरे हो चुके हैं. बड़े कार्यों को अन्य मदद से कराए गए हैं. ऐसे में चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में सांसद मद का कोई काम अधूरा नहीं रहेगा.

जानकारी मिली है कि अकेले चितौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में करीब 70 कार्य सांसद मदद में हुए हैं. इस बारे में चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का कहना है कि हमारा प्रयास था कि क्षेत्र में सांसद मदद में ज्यादातर पक्के निर्माण हो, 95 प्रतिशत तक कार्य खुले बरामदे और सामुदायिक भवन निर्माण करवाए हैं.

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यह था उद्देश्य

जानकारी में सामने आया कि सांसद निधि की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने 1993 में की थी. इसके तहत तय किया गया था कि सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता दी जाएगी.

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