चित्तौड़गढ़. जिले में रबी की फसल की सिंचाई के लिए राजराजेश्वर सरोवर से नहरों में पानी छोड़ने को लेकर आयोजित बैठक काफी रोचक भरा रहा. इस बीच सिंचाई विभाग की ओर से आयोजित बैठक में कमांड क्षेत्र के काश्तकार जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे. पानी का अपव्यय, तालाब की पाल और नहरों की मरम्मत की बात को लेकर किसान, अधिकारी और नगरवासियों में ठन गई. इस दौरान हाथापाई तक की नोबत आ गई. प्रधान भैरू लाल चौधरी और अधीक्षण अभियन्ता ब्रम्हपाल सिह के बीच बचाव के बाद मामला कुछ शांत हुआ.
इस पर किसानों ने तालाब से जीरो लेवल तक पानी निकालने की मांग की. साथ ही नगरवासियों ने पेयजल के लिए 3 फीट पानी सुरक्षित रखने का प्रस्ताव रखा. जिस पर किसानों में गुस्सा फूटा और वे उग्र हो गए. जिस पर वहां उपस्थित लोगों ने नगर में पेयजल समस्या उत्पन्न नहीं हो, इसके लिये किसानों से समझाइश की. जिस पर किसान 3.7 फीट पानी पेयजल के लिए सुरक्षित रखने के लिए स्वीकार की. बैठक में पानी के अपव्यय को रोकने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया, जो किसानों की ओर से पानी के अपव्यय रोकने पर निगरानी रखेगी.
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वहीं, तालाब पैटा क्षेत्र में किसानों के माध्यम से किए गए अतिक्रमण को हटाने का भी निर्णय लिया गया. इस अवसर पर सहायक अभियन्ता सत्यनारायण जीनगर, कनिष्ट अभियन्ता प्रहलाद जाट, नायब तहसीलदार शंकर लाल गुर्जर, अधिशाषी अधिकारी करणी सिंह सोढा, कनिष्ट अभियन्ता जलदाय विभाग चम्पालाल बैरवा, पूर्व पार्षद मदन लाल आचार्य, रोशन मेवाडी, हाजी अब्दुलरहमान मंसुरी, शंकर लाल जाट, भागीरथ जाट, माधु लाल बालारडा, पार्षद राजीव सोनी, कांग्रेस जिला प्रवक्ता शंकर लाल प्रजापत, भैरू लाल बारेगामा, राधेश्याम टेलर, मदन चण्डालिया, महेश पलोड, माणक चौहान आदि उपस्थित रहे.