चित्तौड़गढ़. देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के भ्रमण पर निकले छत्तीसगढ़ के यात्रियों की बस को परिवहन विभाग ने चित्तौड़गढ़ में रुकवा लिया. बस मालिक की ओर से गुजरात बॉर्डर पर कटाई गई रसीद परिवहन विभाग की जांच में फर्जी पाई गई.
इस पर परिवहन विभाग ने कार्रवाई करते हुए बस मालिक को चार गुना पैनल्टी जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. वहीं करीब 12 घंटे से तीर्थयात्री चित्तौड़गढ़ के प्रादेशिक अधिकारी कार्यालय के बाहर डेरा डालकर बैठे हैं. इसके कारण तीर्थ यात्री परेशान हो रहे हैं. जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं.
जानकारी में सामने आया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक बस में करीब 40 तीर्थयात्री और टूर एंड ट्रैवल कंपनी के 10 कर्मचारी गत दिनों रवाना हुए थे. यह यात्री मध्यप्रदेश भ्रमण के बाद गुजरात पहुंचे. यहां से राजस्थान में प्रवेश से पहले गुजरात की सीमा पर इन्होंने नियमानुसार 8500 रुपए की टैक्स की रसीद कटवाई थी. जिसके बाद बस ने राजस्थान की सीमा में देर रात्रि प्रवेश किया था. यह बस चित्तौड़गढ़ होते हुए अजमेर के प्रसिद्ध तीर्थस्थल पुष्कर जा रही थी.
चित्तौड़गढ़ परिवहन विभाग वाहनों की जांच के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है. अभियान के तहत जिला परिवहन अधिकारी मनीष शर्मा के नेतृत्व में दो निरीक्षकों की टीम वाहनों की जांच गंगरार टोल नाके पर कर रही थी. इस दौरान बस को परिवहन विभाग की टीम ने रुकवाया और जांच की तो सामने आया कि बस ऑपरेटर के पास जो रसीद थी वह परिवहन विभाग की साइट पर स्कैन नहीं हो रही थी. ऐसे में जांच करने पर यह रसिद फर्जी निकली.
इसके बाद परिवहन विभाग ने बस को जप्त कर लिया और जिला मुख्यालय पर स्थित परिवहन कार्यालय के यार्ड में लाकर खड़ा करवा दिया. ऐसे में बस सवार यात्री भी परिवहन विभाग कार्यालय आ गए. यात्री करीब 12 घंटों से कार्यालय के बाहर ही डेरा डालकर बैठे हैं. फिलहाल अभी तक मामले में कोई हल निकल कर सामने नहीं आया है.
वहीं बस ऑपरेटर का कहना है कि उन्होंने नियमानुसार राजस्थान बॉर्डर पर प्रवेश के लिए टैक्स जमा करवाकर 8 हजार रुपए से ज्यादा की रसीद कटवाई थी. लेकिन अब परिवहन विभाग ने बस को जब्त कर लिया है. वहीं दूसरी तरफ जिला परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि रसीद की जांच में यह फर्जी पाई गई है.
अन्य राज्यों से वाहन राजस्थान में प्रवेश करता है तो उसे नियमानुसार टैक्स जमा करवाना होता है. यात्रियों की सुविधा को देखते हुए उन्हें परिवहन कार्यालय लेकर आए हैं. नियमानुसार ट्रैक्स और चार गुना पैनल्टी जमा करवाने पर बस को छोड़ दिया जाएगा.