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चितौड़गढ़: रसद विभाग में लीकेज को रोक रही यह योजना...लोगों को मिल रही आवश्यक जानकारी

चित्तौड़गढ़ रसद विभाग ने जिले के सभी उचित मूल्यों की दुकानों पर वन थीम-वन डिजाइन योजना लागू की है. इसके तहत सभी उचित मूल्य की दुकान को बाहर से एक रंग और पैटर्न में डिजाइन करवाया गया है. इस योजना से रसद विभाग का लीकेज रुका है, साथ ही लोगों को भी आवश्यक जानकारी मिल रही है.

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Published : Jul 3, 2020, 10:44 PM IST

चित्तौड़गढ़ रसद विभाग, One Theme One Design scheme, Chittorgarh Logistics Department
रसद विभाग की वन थीम-वन डिजाइन योजना

चितौड़गढ़. जिला रसद विभाग में लंबे समय से राशन की कालाबाजारी की शिकायतें आ रही हैं. कई बार उचित मूल्य की दुकानों के आगे लगे हुए बोर्ड हवा में उड़ जाते हैं, तो कई बार राशन डीलर गड़बड़ी कर हटा देते हैं. ऐसे में उपभोक्ता को सही जानकारी नहीं मिल पाती. दुकानें भी अलग-अलग दिखाई देती हैं. ऐसी ही कई समस्याओं के समाधान करने के लिए चितौड़गढ़ रसद विभाग ने जिले में वन थीम-वन डिजाइन योजना लागू की. यह कारगर साबित हो रही है. इस योजना से रसद विभाग का लीकेज रुका है. वहीं लोगों को दुकान पर राशन सम्बंधित समस्त जानकारी भी मिल रही है.

रसद विभाग की वन थीम-वन डिजाइन योजना

जानकारी के अनुसार चितौड़गढ़ जिले के रसद विभाग ने राशन की सभी दुकानों को समान रखने के लिए नवाचार किया है. चितौड़गढ़ जिले के 11 ब्लॉक में राशन की 682 दुकानें है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और लीकेज को समाप्त करने के अलावा आम आदमी को किसी भी भीड़ भरे बाजार की अन्य दुकानों से उचित मूल्य की दुकान (FPS) को अलग करने में मदद करने के लिए जिला प्रशासन ने 'वन थीम-वन डिजाइन' परियोजना शुरू की है.

रसद विभाग ने पूरे जिले में 682 लाइसेंसधारी राशन या उचित मूल्य की दुकान के बाहरी दीवारों को एक साथ फिर से डिजाइन करवा दिया है. प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान में येलो-ग्रीन ऑइल-पेंट फ्रंट वॉल के साथ अन्य आउटलेट तैयार कर दी है. इस पेंटिंग में महात्मा गांधी चरखे का लोगो और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारा भी है.

ये पढ़ें: राजस्थान में ACB की ताबड़तोड़ कार्रवाई... कोटा, प्रतापगढ़ के बाद अब बारां में पटवारी ट्रैप

बता दें कि जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा के निर्देशन में रसद विभाग ने जनवरी में इस परियोजना को शुरू किया. धीरे-धीरे पूरे जिले की 682 दुकानों को वन थीम-वन डिजाइन योजना के तहत तैयार कर दिया है. इससे राशन वितरण की सभी दुकानें एक समान पैटर्न में दिखने लगी है. कोई भी आसानी से राशन की दुकान को पहचान लेगा. जानकारी मिली है कि यह परियोजना जिला रसद अधिकारी बिजल सुराना के दिमाग की उपज है. सुराणा ने करीब सात माह पूर्व कार्य भार ग्रहण किया था. जिला रसद अधिकारी ने बताया कि दुकानों के निरीक्षण में दुकान पहचान करने में भारी दिक्कत आई थी.

सतर्कता समिति का भी दिया हवाला...

जिला रसद अधिकारी ने बताया कि, प्रत्येक शिकायत की सुनवाई जिला रसद अधिकारी नहीं करता. इसके लिए अलग-अलग समितियां बनी हुई है. ऐसे में इन समितियों के सदस्यों के नाम और नम्बर भी लिखवाए है, जिससे कि लोग अपनी राशन सम्बन्धित शिकायतों को समिति के सामने रख सके.

ये पढ़ें: बढ़ते कोरोना केस के मद्देनजर बाड़मेर में लगा फिर लॉकडाउन, गाइडलाइन जारी

जिला रसद अधिकारी बिजल सुराणा ने बताया कि वन थीम-वन डिजाइन योजना कारगर साबित हुई है. पहले दुकानों पर बोर्ड तक नहीं होते थे. अब हेल्पलाइन नम्बर, विजिलेंस नम्बर, सतर्कता समिति के नंबर तो लिखे ही हैं और मूल्य तक अंकित करवाये हैं. यहां तक राशन सामग्री कितनी मात्रा में मिलेगी और कितनी उपलब्ध है यह तक लिखवाया है. इससे लोग अब खुद ही काला बाजारी की शिकायत देने लगे हैं. गत दिनों जो कार्रवाई हुई इससे काफी मदद मिली है.

चितौड़गढ़. जिला रसद विभाग में लंबे समय से राशन की कालाबाजारी की शिकायतें आ रही हैं. कई बार उचित मूल्य की दुकानों के आगे लगे हुए बोर्ड हवा में उड़ जाते हैं, तो कई बार राशन डीलर गड़बड़ी कर हटा देते हैं. ऐसे में उपभोक्ता को सही जानकारी नहीं मिल पाती. दुकानें भी अलग-अलग दिखाई देती हैं. ऐसी ही कई समस्याओं के समाधान करने के लिए चितौड़गढ़ रसद विभाग ने जिले में वन थीम-वन डिजाइन योजना लागू की. यह कारगर साबित हो रही है. इस योजना से रसद विभाग का लीकेज रुका है. वहीं लोगों को दुकान पर राशन सम्बंधित समस्त जानकारी भी मिल रही है.

रसद विभाग की वन थीम-वन डिजाइन योजना

जानकारी के अनुसार चितौड़गढ़ जिले के रसद विभाग ने राशन की सभी दुकानों को समान रखने के लिए नवाचार किया है. चितौड़गढ़ जिले के 11 ब्लॉक में राशन की 682 दुकानें है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और लीकेज को समाप्त करने के अलावा आम आदमी को किसी भी भीड़ भरे बाजार की अन्य दुकानों से उचित मूल्य की दुकान (FPS) को अलग करने में मदद करने के लिए जिला प्रशासन ने 'वन थीम-वन डिजाइन' परियोजना शुरू की है.

रसद विभाग ने पूरे जिले में 682 लाइसेंसधारी राशन या उचित मूल्य की दुकान के बाहरी दीवारों को एक साथ फिर से डिजाइन करवा दिया है. प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान में येलो-ग्रीन ऑइल-पेंट फ्रंट वॉल के साथ अन्य आउटलेट तैयार कर दी है. इस पेंटिंग में महात्मा गांधी चरखे का लोगो और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारा भी है.

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बता दें कि जिला कलक्टर चेतनराम देवड़ा के निर्देशन में रसद विभाग ने जनवरी में इस परियोजना को शुरू किया. धीरे-धीरे पूरे जिले की 682 दुकानों को वन थीम-वन डिजाइन योजना के तहत तैयार कर दिया है. इससे राशन वितरण की सभी दुकानें एक समान पैटर्न में दिखने लगी है. कोई भी आसानी से राशन की दुकान को पहचान लेगा. जानकारी मिली है कि यह परियोजना जिला रसद अधिकारी बिजल सुराना के दिमाग की उपज है. सुराणा ने करीब सात माह पूर्व कार्य भार ग्रहण किया था. जिला रसद अधिकारी ने बताया कि दुकानों के निरीक्षण में दुकान पहचान करने में भारी दिक्कत आई थी.

सतर्कता समिति का भी दिया हवाला...

जिला रसद अधिकारी ने बताया कि, प्रत्येक शिकायत की सुनवाई जिला रसद अधिकारी नहीं करता. इसके लिए अलग-अलग समितियां बनी हुई है. ऐसे में इन समितियों के सदस्यों के नाम और नम्बर भी लिखवाए है, जिससे कि लोग अपनी राशन सम्बन्धित शिकायतों को समिति के सामने रख सके.

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जिला रसद अधिकारी बिजल सुराणा ने बताया कि वन थीम-वन डिजाइन योजना कारगर साबित हुई है. पहले दुकानों पर बोर्ड तक नहीं होते थे. अब हेल्पलाइन नम्बर, विजिलेंस नम्बर, सतर्कता समिति के नंबर तो लिखे ही हैं और मूल्य तक अंकित करवाये हैं. यहां तक राशन सामग्री कितनी मात्रा में मिलेगी और कितनी उपलब्ध है यह तक लिखवाया है. इससे लोग अब खुद ही काला बाजारी की शिकायत देने लगे हैं. गत दिनों जो कार्रवाई हुई इससे काफी मदद मिली है.

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