चित्तौड़गढ़: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 27 दिसंबर को प्रदेश के लाइट एंड साउंड शो के साथ चित्तौड़गढ़ के शो (Chittorgarh Light And Sound Show) का भी लोकार्पण किया था. शाम को दुर्ग पर इसकी शुरुआत की गई थी लेकिन इसके साथ ही विवाद भी शुरू हो गया था. विवाद ने राजनैतिक रूप ले लिया था. राजपूत समाज के साथ ही भाजपा ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
इस शो के प्रसारण के दौरान ही रानी पद्मिनी संबंधी आपत्तिजनक अंश (Chittorgarh Rani Padmini Controversy) देखकर सांसद सीपी जोशी नाराज हो गए थे और उन्होंने शो को बंद करवा दिया था. उनकी नाराजगी इस बात से थी कि नए वर्जन में रानी पद्मावती को कांच में दिखाने और अलाउद्दीन खिलजी का महिमामंडन को हटाने को कहा गया था लेकिन उसे नहीं हटाया गया. इस आपत्ति के बाद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने विवादित अंश हटाए जाने तक शो बंद रखने के निर्देश दिए थे.
इस मामले को लेकर 28 दिसंबर 2021 को जौहर स्मृति संस्थान के बैनर तले राजपूत समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किया था. इस बीच जिला कलेक्टर के निर्देश पर आरटीडीसी (Rajasthan Tourism Development Corporation) के डायरेक्टर माधव शर्मा चित्तौड़गढ़ पहुंचे थे.
शर्मा ने शो के विवादित अंश बेंगलुरु संबंधित कंपनी को भेजकर उन्हें डिलीट करवाया और जिला कलेक्टर की मौजूदगी में 28 दिसंबर की शाम ही संबंधित पक्षों के साथ महल में साउंड का डेमो करवाया. इसमें सांसद सीपी जोशी सहित आपत्ति दर्ज कराने वाले सदस्य शामिल थे. सभी नए वर्जन से संतुष्ट दिखाई दिए. इसके साथ ही लाइट एंड साउंड शो के अगले 2 से 3 दिन के भीतर फिर से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.
घटना के विरोध में पैदल मार्च
इस मामले को लेकर मंगलवार को राजपूत समाज के साथ सर्व समाज के लोग राजपूत भूपाल छात्रावास से जिला कलक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च निकाल कर कलक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की थी और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. सर्व समाज प्रतिनिधि गौरव त्यागी ने बताया कि सोमवार शाम को शो (Chittorgarh Rani Padmini Controversy) के लोकार्पण के समय विवादित तथ्य दिखाए जाने के बाद हम सभी ने इसका विरोध किया था.