चित्तौड़गढ़. चार वर्ष पहले प्रेम-प्रसंग के चलते हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रमांक 2 ने आरोपी महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर ने मुख्य अभियुक्त महिला को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास के साथ अन्य धाराओं में 7 साल का कठोर कारावास सुनाया है. साथ ही, दस हजार का आर्थिक दंड भी लगाया है. महिला के अलावा एक अन्य आरोपी को हत्या का मामला छुपाने के लिए तीन साल की सजा और पांच हजार के आर्थिक दंड से दंडित किया गया है.
अपर लोक अभियोजक अब्दुल सत्तार खान ने बताया कि 19 नवंबर 2016 को कोटा-चित्तौड़ हाईवे पर बेगूं थाना क्षेत्र के मेनाल में सड़क किनारे एक अधजली लाश मिली थी. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक की शिनाख्त भीलवाड़ा जिले के गुलाबपुरा निवासी सुरेशचंद्र पुत्र किशनलाल शर्मा के रूप में की. मृतक के परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जिसमें सामने आया कि सुरेश किसी के साथ जोगणिया माता गया था. पुलिस ने जोगणिया माता में लगे कैमरों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले. इसके साथ अभियुक्त कमला, सांवरलाल उर्फ सांवरा व अन्य कुछ लोग भी थे.
जांच में पता चला कि 9 नवंबर 2016 को सुरेश को मारुति वैन में जोगणिया माता ले गए. उसी रात सुनसान जगह पर आरोपी कमला ने मारुति वैन को शौचालय करने के बहाने रुकवाया. तभी सांवरलाल जाट ने सुरेशचंद्र को जबरन वैन से उतार कर कुछ दूर ले गए और मारपीट करने लगे. यहां कमला और सांवरा उर्फ सांवरलाल ने इसकी हत्या कर शव को जला दिया. इस दौरान अपराध में शामिल वाहन चालक तालिब पुत्र खिताब उल काठात निवासी तेजपुरा ढाणी गांव जालिया भी मौजूद था, लेकिन उसने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी.
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इस पर पुलिस ने इसे भी कमला व सांवरा के साथ गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने जांच के बाद तीनों अभियुक्त के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया. न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की और से 36 गवाहों और 92 दस्तावेज को पेश किये गए. प्रकरण की सुनवाई के दौरान ही अभियुक्त सांवरलाल उर्फ सांवरा की हृदयाघात के चलते चित्तौड़गढ़ जिला जेल में बंद रहने के दौरान मौत हो गई. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय क्रमांक दो के न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर ने कमला माली व तालिब काठात को दोषी माना.