चित्तौड़गढ़. चित्तौड़गढ़ विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या ने ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाता खोलने और संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही कटौती को रोकने के संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. पत्र में पीडी खाते को निरस्त करने की भी मांग की है.
जानकारी के अनुसार राजस्थान सरपंच संघ जयपुर के स्थानीय प्रतिनिधियों की ओर से विधायक चन्द्रभान सिंह आक्या को ज्ञापन सौंप कर पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाता खोलने और संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही कटौती को रोकने का अनुरोध किया गया. इसी क्रम में विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर ग्राम पंचायतों के संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में कटौती करने के आदेश को तुरन्त प्रभाव से समाप्त करने का आग्रह किया. विधायक आक्या ने बताया कि वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों की ओर से ग्राम पंचायत के वित्तीय स्वायत्तता और संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात करते हुए ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोल दिये गए हैं.
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वित्त विभाग ओर ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के यह निर्देश पंचायतीराज संस्थाओं को सीधे राशि हस्तांतरित करने के संवैधानिक अधिकारों के पूर्णतया विपरीत है. राज्य सरकार के वित्त विभाग के अधिकारियों की ओर से ग्राम पंचायतों की राशि को पीडी खाते में हस्तांतरित कर ग्राम पंचायतों के सामुदायिक विकास के हक और अधिकार की राशि को अन्य कार्यों में उपयोग करने की मंशा जाहिर हो रही है.
ग्राम पंचायतों को विकास की राशि नहीं मिल पा रही है जिससे पंचायतों में समस्त विकास कार्य ठप पड़े हैं. विधायक ने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की जो परिकल्पना की थी, सरकार का यह कदम ठीक इसके विपरित है. अतः मुख्यमंत्री महोदय से पत्र के माध्यम से यह आग्रह किया गया है कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज के कार्य अवरुद्ध न हों इसलिए वित्त एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पहले के अनुसार ही पंचायतीराज संस्थाओं के खाते में राशि हस्तांतरित करने की व्यवस्था रखें.