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चित्तौड़गढ़: 100 से अधिक गांवों में हथकढ़ से ही हो रहा गुजर बसर, रोजगार देने के साथ पुनर्वास की भी होगी व्यवस्था - अवैध शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वास की तैयारी

जिला कलेक्टर केके शर्मा ने गुरुवार को नवजीवन योजना को लेकर सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली. डीएम ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे संवेदनशील और अधिक प्रभावित इलाकों में जाकर अवैध शराब से जुड़े परिवारों के बच्चों को आरटीआई का लाभ देकर रोजगार से जोड़ा जाए.

meeting for navjeevan yojna, अवैध शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वास की तैयारी
चित्तौड़गढ़ कलेक्टर ने की बैठक
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Published : Feb 3, 2021, 10:52 PM IST

चित्तौड़गढ़. अवैध शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वासन के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. जिला कलेक्टर केके शर्मा ने गुरुवार को नवजीवन योजना को लेकर सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली. डीएम ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे संवेदनशील और अधिक प्रभावित इलाकों में जाकर अवैध शराब से जुड़े परिवारों के बच्चों को आरटीआई का लाभ देते हुए शिक्षा से जोड़ें ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

कलेक्टर ने इन परिवारों के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण के लिए निर्देशित किया. ऐसे गांव जहां आज भी आधारभूत संरचना जैसे अच्छी सड़कें आदि का अभाव है, वहां प्रभावी ढंग से संरचना सुधार करने के लिए भी कलक्टर ने निर्देशित किया. कलेक्टर ने कहा कि अवैध शराब से प्रभावित चिन्हित गांवों में अधिकारी जाएं और जनसमूह की प्रतिभा की पहचान करें. लोगों से चर्चा कर उन्हें जिस कार्य में कौशल विकसित करना हो, उसका प्रशिक्षण दें. कलेक्टर ने कहा कि अवैध शराब से जुड़े परिवार के सदस्यों को अतिरिक्त रोजगार से जोड़कर प्रभावी बदलाव लाया जा सकता है और इसमें स्वयं सेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है.

पढ़ें: दौसा: रिश्वत के मामले में गिरफ्तार आरएएस अधिकारियों ने वॉइस सैंपल देने से किया इनकार

इस दौरान बैठक में मौजूद अधिकारीयों ने कलेक्टर को अवगत कराया कि उन्हें सर्वे में जिले में अवैध शराब के काम-काज से 100 प्रभावित गांव निकल कर सामने आए हैं. ऐसे परिवारों में आज भी युवाओं में रोजगार से जुड़ने हेतु उत्साह है. ऐसे परिवार की युवतियों ने ब्यूटी पार्लर और सिलाई के कोर्स और युवाओं ने भी अपनी-अपनी रुचि का कार्य सिखने के इच्छा ज़ाहिर की है. इस पर कलेक्टर ने निर्देशित कि अधिकारी आपस में समन्वय कर ऐसे युवाओं को रोजगार दें ताकि वे अवैध शराब के कार्य से मुक्त हो सकें. बैठक में सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारीयों ने उत्साह से योजना को सफल करने और क्षेत्र को अवैध शराब से मुक्त करने के लिए आश्वस्त किया.

कलेक्टर शर्मा ने अवैध शराब से जुड़े परिवारों का सर्वे कर उन्हें नेशनल फ़ूड सिक्युरिटी एक्ट, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, श्रमिक कार्ड आदि योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर शर्मा ने नवजीवन योजना में चिन्हित परिवारों की सर्वे लिस्ट का मोटे तौर पर सत्यापन करने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, तहसीलदार, सीडीपीओ और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे, जिन्हें शीघ्र सत्यापन कर रिपोर्ट देनी होगी.

बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, जिला परिषद के सीईओ ज्ञानमल खटीक, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) शांतिलाल सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) कल्याणी दीक्षित, जिला रसद अधिकारी विनय कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रवेश परदेशी सहित सभी सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे.

चित्तौड़गढ़. अवैध शराब से जुड़े परिवारों के पुनर्वासन के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. जिला कलेक्टर केके शर्मा ने गुरुवार को नवजीवन योजना को लेकर सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक ली. डीएम ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे संवेदनशील और अधिक प्रभावित इलाकों में जाकर अवैध शराब से जुड़े परिवारों के बच्चों को आरटीआई का लाभ देते हुए शिक्षा से जोड़ें ताकि उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके.

कलेक्टर ने इन परिवारों के लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण के लिए निर्देशित किया. ऐसे गांव जहां आज भी आधारभूत संरचना जैसे अच्छी सड़कें आदि का अभाव है, वहां प्रभावी ढंग से संरचना सुधार करने के लिए भी कलक्टर ने निर्देशित किया. कलेक्टर ने कहा कि अवैध शराब से प्रभावित चिन्हित गांवों में अधिकारी जाएं और जनसमूह की प्रतिभा की पहचान करें. लोगों से चर्चा कर उन्हें जिस कार्य में कौशल विकसित करना हो, उसका प्रशिक्षण दें. कलेक्टर ने कहा कि अवैध शराब से जुड़े परिवार के सदस्यों को अतिरिक्त रोजगार से जोड़कर प्रभावी बदलाव लाया जा सकता है और इसमें स्वयं सेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा सकती है.

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इस दौरान बैठक में मौजूद अधिकारीयों ने कलेक्टर को अवगत कराया कि उन्हें सर्वे में जिले में अवैध शराब के काम-काज से 100 प्रभावित गांव निकल कर सामने आए हैं. ऐसे परिवारों में आज भी युवाओं में रोजगार से जुड़ने हेतु उत्साह है. ऐसे परिवार की युवतियों ने ब्यूटी पार्लर और सिलाई के कोर्स और युवाओं ने भी अपनी-अपनी रुचि का कार्य सिखने के इच्छा ज़ाहिर की है. इस पर कलेक्टर ने निर्देशित कि अधिकारी आपस में समन्वय कर ऐसे युवाओं को रोजगार दें ताकि वे अवैध शराब के कार्य से मुक्त हो सकें. बैठक में सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारीयों ने उत्साह से योजना को सफल करने और क्षेत्र को अवैध शराब से मुक्त करने के लिए आश्वस्त किया.

कलेक्टर शर्मा ने अवैध शराब से जुड़े परिवारों का सर्वे कर उन्हें नेशनल फ़ूड सिक्युरिटी एक्ट, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, श्रमिक कार्ड आदि योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए. साथ ही कलेक्टर शर्मा ने नवजीवन योजना में चिन्हित परिवारों की सर्वे लिस्ट का मोटे तौर पर सत्यापन करने के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें उपखंड अधिकारी, विकास अधिकारी, तहसीलदार, सीडीपीओ और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे, जिन्हें शीघ्र सत्यापन कर रिपोर्ट देनी होगी.

बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, जिला परिषद के सीईओ ज्ञानमल खटीक, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) शांतिलाल सुथार, जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) कल्याणी दीक्षित, जिला रसद अधिकारी विनय कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रवेश परदेशी सहित सभी सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे.

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