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चित्तौड़गढ़ में हुई दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठी आशा सहयोगिनी - Anganwadi workers protest in Jaipur

चित्तौड़गढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियों की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है. इसी के तहत बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

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चित्तौड़गढ़ में धरने पर बैठी आशा सहयोगिनी
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Published : Jan 8, 2021, 11:08 PM IST

चित्तौड़गढ़. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियों की ओर से प्रदेश भर के जिला मुख्यालय पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है. इसी के तहत चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धरने पर बैठी हैं. साथ ही कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

चित्तौड़गढ़ में धरने पर बैठी आशा सहयोगिनी

जानकारी के अनुसार राजधानी में प्रदेश स्तरीय धरने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की ओर से की गई दम्नात्मक कार्रवाई के खिलाफ आक्रोश जताते हुए धरने पर बैठी महिला कार्मिकों को हिरासत में लिया गया. जिसके तहत आशा सहयोगिनियों को तुरंत रिहा करने की मांग की गई है. पांच जनवरी से विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर सहित जिला मुख्यालय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियां धरने पर बैठी हैं.

उन्होंने नियमितिकरण करने के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग और चिकित्सा विभाग दोनों में से एक ही विभाग में सेवाएं देने और मानदेय बढ़ाने की मांग की है. गौरतलब है कि राजधानी में धरने के दौरान धरने पर बैठी महिला कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की घोषणा की है. उन्होंने गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को तुरन्त रिहा करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर केके शर्मा को ज्ञापन सौंपा है.

पढ़ें: राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं...खुद को ठगा महसूस कर रहा किसान और बेरोजगार : राज्यवर्धन सिंह

ये मुख्य रूप से 4 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आशा सहयोगिनी धरने पर बैठी हुई हैं. उनका कहना है कि मुख्यालय जयपुर पर गिरफ्तार की गई आशा सहयोगिनियों को बिना शर्त रिहा किया जाए और उन्हें फिर से अपने पद पर कार्य पर लगाया जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि विगत कई वर्षों से वह 2700 रुपए मासिक में काम कर रही हैं और उनसे काम कई गुना लिया जा रहा है. उन्होंने अपने वेतन में वृद्धि करने की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि जब तक उनकी मांगों पर विचार करके मांगे मानी नहीं जाती है. तब तक यह धरना जारी रहेगा.

चित्तौड़गढ़ में अनिवार्य हुआ दो पहिया वाहन पर हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना

चित्तौड़गढ़ में नागरिक सुरक्षा के लिए और सड़क हादसों में मौत के बढ़ते ग्राफ को कम करने के लिए दो पहिया वाहन पर हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा. गौरतलब है कि अब तक सीट बेल्ट और हेलमेट को लेकर चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी सख्ती नहीं है. जानकारी अनुसार जिला कलेक्टर केके शर्मा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर सड़क सुरक्षा प्रावधानों और नियमों के मद्देनजर जिले में दोपहिया वाहनों में हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीटबेल्ट लगाना अनिवार्य किया है.

जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करना जरूरी है और उसके लिए उन्होंने जिले के समस्त राजकीय, अर्द्ध राजकीय कार्यालयों, संस्थाओं, उपक्रमों आदि में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों को उपयोग करने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर शर्मा ने बताया कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हेलमेट की अनिवार्यता होनी चाहिए. आम नागरिकों तक यह संदेश पहुंचे, उसके लिए शुरुआत सरकारी कार्यलयों से होनी चाहिए और नियमों का शत प्रतिशत पालना होना चाहिए. कलेक्टर शर्मा ने जिले के समस्त जिला ब्लॉक और ग्राम स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उक्त अनुसार जारी निर्देशों की स्वयं और अधीनस्थ कार्मिकों से अक्षरशः पालना सुनिश्चित कराएं.

चित्तौड़गढ़. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियों की ओर से प्रदेश भर के जिला मुख्यालय पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी है. इसी के तहत चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धरने पर बैठी हैं. साथ ही कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

चित्तौड़गढ़ में धरने पर बैठी आशा सहयोगिनी

जानकारी के अनुसार राजधानी में प्रदेश स्तरीय धरने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की ओर से की गई दम्नात्मक कार्रवाई के खिलाफ आक्रोश जताते हुए धरने पर बैठी महिला कार्मिकों को हिरासत में लिया गया. जिसके तहत आशा सहयोगिनियों को तुरंत रिहा करने की मांग की गई है. पांच जनवरी से विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर सहित जिला मुख्यालय पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनियां धरने पर बैठी हैं.

उन्होंने नियमितिकरण करने के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग और चिकित्सा विभाग दोनों में से एक ही विभाग में सेवाएं देने और मानदेय बढ़ाने की मांग की है. गौरतलब है कि राजधानी में धरने के दौरान धरने पर बैठी महिला कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने की घोषणा की है. उन्होंने गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को तुरन्त रिहा करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर केके शर्मा को ज्ञापन सौंपा है.

पढ़ें: राजस्थान में सरकार नाम की कोई चीज नहीं...खुद को ठगा महसूस कर रहा किसान और बेरोजगार : राज्यवर्धन सिंह

ये मुख्य रूप से 4 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आशा सहयोगिनी धरने पर बैठी हुई हैं. उनका कहना है कि मुख्यालय जयपुर पर गिरफ्तार की गई आशा सहयोगिनियों को बिना शर्त रिहा किया जाए और उन्हें फिर से अपने पद पर कार्य पर लगाया जाए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि विगत कई वर्षों से वह 2700 रुपए मासिक में काम कर रही हैं और उनसे काम कई गुना लिया जा रहा है. उन्होंने अपने वेतन में वृद्धि करने की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि जब तक उनकी मांगों पर विचार करके मांगे मानी नहीं जाती है. तब तक यह धरना जारी रहेगा.

चित्तौड़गढ़ में अनिवार्य हुआ दो पहिया वाहन पर हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना

चित्तौड़गढ़ में नागरिक सुरक्षा के लिए और सड़क हादसों में मौत के बढ़ते ग्राफ को कम करने के लिए दो पहिया वाहन पर हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य होगा. गौरतलब है कि अब तक सीट बेल्ट और हेलमेट को लेकर चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर भी सख्ती नहीं है. जानकारी अनुसार जिला कलेक्टर केके शर्मा ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर सड़क सुरक्षा प्रावधानों और नियमों के मद्देनजर जिले में दोपहिया वाहनों में हेलमेट लगाना और चौपहिया वाहनों में सीटबेल्ट लगाना अनिवार्य किया है.

जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करना जरूरी है और उसके लिए उन्होंने जिले के समस्त राजकीय, अर्द्ध राजकीय कार्यालयों, संस्थाओं, उपक्रमों आदि में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों को उपयोग करने के निर्देश दिए. जिला कलेक्टर शर्मा ने बताया कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए हेलमेट की अनिवार्यता होनी चाहिए. आम नागरिकों तक यह संदेश पहुंचे, उसके लिए शुरुआत सरकारी कार्यलयों से होनी चाहिए और नियमों का शत प्रतिशत पालना होना चाहिए. कलेक्टर शर्मा ने जिले के समस्त जिला ब्लॉक और ग्राम स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उक्त अनुसार जारी निर्देशों की स्वयं और अधीनस्थ कार्मिकों से अक्षरशः पालना सुनिश्चित कराएं.

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