कपासन (चित्तौड़गढ़). क्षेत्र में बीते दिनों सड़क दुर्घटना में घायल हुए शहीद की इलाज के दौरान मौत हो गई. इस खबर के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौर गई. जिसके बाद उनके पैतृक गांव ताणा के श्मशान घाट में पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
जानकारी के अनुसार बीते दिनों कीर की चौकी से अपने गांव ताणा आते हुए ढूंढिया गांव के पास जवान रूपेन्द्र सिंह झाला की बाइक को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. जिससे जवान घायल हो गया था. घायल रूपेन्द्र सिंह झाला की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हे उदयपुर रैफर किया गया, ऐसे में रास्ते में उनकी मौत हो गई.
रूपेन्द्र सिंह झाला के सड़क दुर्घटना में शहीद होने की खबर आग की तरह क्षेत्र में फैल गई और सभी शुभचिंतक उदयपुर के लिए रवाना हो गए. जहां से शहीद रुपेन्द्र सिंह झाला का शव उनके पैतृक गांव ताणा लाया गया. अंतिम यात्रा उनके निवास से ताणा कस्बे के श्मशान घाट के लिए निकली तो जन सैलाब उमड़ पड़ा.
इस दौरान शवयात्रा में मौजूद सभी लोगों की आंखे नम थी और सभी ने देशभक्ति से ओतप्रोत नारो से शहीद रूपेन्द्र सिंह झाला के लिए नारे लगाकर पूरे वातावरण को देशभक्ति से गुंजायमान कर दिया. शवयात्रा श्मशान घाट पहुंचने के बाद पुलिस के जवानों की ओर से तिरंगे में लिपटे शहीद रूपेन्द्र सिंह झाला के पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और मातमी धुन बजाई गई.
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जिसके बाद शहीद झाला के 4 वर्ष के पुत्र आदित्य सिंह झाला ने मुखाग्नि देकर पिता को अंतिम प्रणाम किया. इस मौके पर क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और ग्रामीण मौजूद रहे. 36 वर्षीय शहीद रुपेन्द्र सिंह झाला बचपन से ही दिल में देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत थे और बचपन से सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे, इसलिए 2004 में सेना में भर्ती हुए. उसके उपरांत उन्होंने उनकी पत्नी चंदा कंवर को भी ताणा से सरपंच पद के लिए उम्मीदवार बनाया और ताणा ग्राम पंचायत की जनता ने रुपेन्द्र सिंह झाला का व्यक्तिगत व्यवहार और क्षेत्र के प्रति उनकी जनसहयोगी भावना को देखकर भारी मतों से उनकी पत्नी चंदा कंवर को जिताया. शहीद रुपेन्द्र सिंह झाला के एक 8 वर्ष की बेटी है, जिसका नाम आराध्य कुंवर है.