चित्तौड़गढ़. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को निकाली जा रही तिरंगा यात्रा विवाद की भेंट चढ़ गई. तिरंगा यात्रा को कोतवाली थाना पुलिस ने रुकवा दिया. इसके बाद एकबारगी गहमागहमी की स्थिति पैदा हो गई. बाद में परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पहुंच कर तिरंगा यात्रा के लिए अनुमति मांगी. प्रशासन की अनुमति मिलने के बाद परिषद कार्यकर्ताओं ने बिना डीजे के तिरंगा यात्रा निकाली (trianga yatra in Chittorgarh).
जानकारी के मुताबिक आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के तहत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की और से तिरंगा यात्रा निकाली जानी थी. इसी क्रम में शुक्रवार को चित्तौड़गढ़ में एबीवीपी की और से दुर्ग पर प्रवेश द्वार पाड़नपोल से सुभाष चौक तक तिरंगा यात्रा का कार्यक्रम तय किया गया था. इसके लिए परिषद के कार्यकर्ता पाड़नपोल पर एकत्रित हुए. डीजे भी मंगवाया और तिरंगा यात्रा रवाना होने वाली थी. तभी कोतवाली थाने का जाप्ता मौके पर पहुंच गया और तिरंगा यात्रा को रुकवा दिया.
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पुलिस के तिरंगा यात्रा रोकने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. बाद में पुलिस ने बताया कि तिरंगा यात्रा और इसमें शामिल डीजे को लेकर अनुमति नहीं है. ऐसे में परिषद के कार्यकर्ता तिरंगा यात्रा को वहीं छोड़ परमिशन के लिए उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे. इससे काफी देर तक तिरंगा यात्रा पाड़नपोल पर रुकी रही. बाद में प्रशासन की अनुमति के बाद तिरंगा यात्रा शुरू हो पाई.
तिरंगा यात्रा पाड़नपोल से रवाना होकर मिठाई गली, गांधी चौक होते हुए गोल प्याऊ से सुभाष चौक पहुंची. तिरंगा यात्रा में परिषद के कार्यकर्ता भारत माता के जयकारे लगाते हुवे चल रहे थे. तिरंगा यात्रा के दौरान कोतवाली थाने का जाप्ता भी साथ रहा. तिरंगा यात्रा सुभाष चौक पहुंच कर खत्म हुई.