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हत्या के मामले में दो चचेरे भाइयों सहित 4 जनों को आजीवन कारावास - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज

चित्तौड़गढ़ जिले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने हत्या (sentenced life imprisonment to four accused) के मामले की सुनवाई करते हुए चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Additional District and Sessions Court,  sentenced life imprisonment to four accused
4 जनों को आजीवन कारावास.
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Published : Jan 20, 2023, 9:58 PM IST

चित्तौड़गढ़. हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय कैंप कपासन की ओर से शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए दो सगे भाइयों सहित चार आरोपियों को दोषी माना है. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया है.

लोक अभियोजक अनिल बोहरा ने बताया कि 10 जुलाई 2020 को गांव उमंड में कब्जे शुदा सरकारी भूमि पर बने बाड़े की बाड़ काट दी गई. साथ ही उसके स्थान पर दीवार बनाने से विवाद हो गया. उन्होंने बताया कि काका व उसके पुत्रों की ओर से भतीजे शंकरलाल धोबी पर जानलेवा हमला कर दिया गया. इस घटना में शंकर लाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी कौशल्या गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पुलिस ने उसे कपासन अस्पताल पहुंचाया.

पढ़ेंः अवैध संबंधों को लेकर हत्या, दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास

पत्नी कौशल्या की रिपोर्ट पर तत्कालीन थानाधिकारी हिमांशुसिंह राजावत ने कार्रवाई करते हुए हरिराम, उसके पुत्र शंकरलाल, नाथूलाल व पौत्र अनिल उर्फ रंगीला व दिनेश को गिरफ्तार कर लिया. मामले के अनुसंधान के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. लोक अभियोजक अनिल बोहरा ने बताया कि आवेदन पक्ष की ओर से मामले के विचारण के दौरान न्यायालय में 23 गवाह व 53 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. मामले की सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी बाल कृष्ण कटारा ने आरोपी शंकरलाल, नाथूलाल, अनिल उर्फ रंगीला व दिनेश को दोषी करार दिया. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास व 50 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है.

चित्तौड़गढ़. हत्या के एक मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय कैंप कपासन की ओर से शुक्रवार को अहम फैसला सुनाते हुए दो सगे भाइयों सहित चार आरोपियों को दोषी माना है. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ जुर्माने से दंडित किया है.

लोक अभियोजक अनिल बोहरा ने बताया कि 10 जुलाई 2020 को गांव उमंड में कब्जे शुदा सरकारी भूमि पर बने बाड़े की बाड़ काट दी गई. साथ ही उसके स्थान पर दीवार बनाने से विवाद हो गया. उन्होंने बताया कि काका व उसके पुत्रों की ओर से भतीजे शंकरलाल धोबी पर जानलेवा हमला कर दिया गया. इस घटना में शंकर लाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी कौशल्या गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पुलिस ने उसे कपासन अस्पताल पहुंचाया.

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पत्नी कौशल्या की रिपोर्ट पर तत्कालीन थानाधिकारी हिमांशुसिंह राजावत ने कार्रवाई करते हुए हरिराम, उसके पुत्र शंकरलाल, नाथूलाल व पौत्र अनिल उर्फ रंगीला व दिनेश को गिरफ्तार कर लिया. मामले के अनुसंधान के बाद आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. लोक अभियोजक अनिल बोहरा ने बताया कि आवेदन पक्ष की ओर से मामले के विचारण के दौरान न्यायालय में 23 गवाह व 53 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. मामले की सुनवाई करते हुए पीठासीन अधिकारी बाल कृष्ण कटारा ने आरोपी शंकरलाल, नाथूलाल, अनिल उर्फ रंगीला व दिनेश को दोषी करार दिया. कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास व 50 हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है.

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