चित्तौड़गढ़. जिले में रेड अलर्ट जन अनुसाशन पखवाड़े के दौरान सामूहिक मृत्युभोज करना दो भाइयों को भारी पड़ा है. इस सम्बंध में जिले की बस्सी थाना पुलिस ने लॉकडाउन उल्लंघन के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं जिला मुख्यालय पर भी तीन व्यापारियों के खिलाफ कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के अनुसार जिले की बस्सी थाना पुलिस को सोमवार शाम को सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के गांव नेगड़ीया कलां में दल्लीचंद पिता उदा और मांगीलाल पिता उदा की माता की मृत्यु होने से उनके घर पर मृत्युभोज हो रहा है. इस सूचना पर उप निरीक्षक गणपत सिंह, हेड कांस्टेबल महेन्द्रसिंह और रामदयाल, कांस्टेबल गुरप्रीत हरप्रीत और सतीश कुमार गांव नेगड़ीया कलां पहुंचे. यहां पर दल्लीचन्द मीणा और मांगीलाल मीणा पिता उदा मीणा के घर पर भोजन चल रहा था. मृत्युभोज (सामुहिक भोज) की सूचना तहसीलदार साहब को दी गई.
पढ़ें: पायलट गुट के विधायक हेमाराम चौधरी ने विधानसभा सदस्यता से दिया इस्तीफा, सरकार से चल रहे थे नाराज
इस सूचना पर तहसीलदार चित्तौड़गढ़ शिवसिंह शोखावत भी मौके पर आ गए. जांच की तो सामने आया कि दलीचन्द्र और मांगी लाल की माता का स्वर्गवास 6 मई को हो गया था. इसपर जगदीश कुमावत, ग्राम विकास अधिकारी मेरे की ओर से कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करने, सामुहिक भोज नहीं करने और नियत बैठक का आयोजन नहीं करने के लिए मौखीक पाबन्द किया गया था. वाट्सअप ग्रुप में सूचना का प्रसारण किया गया था.
उसके बाद 17 मई को दलीचन्द और मांगी लाल ने अपने निवास स्थान पर मृत्य भोज का कार्यक्रम रखकर, करीब 300 रिश्तेदार और ग्रामवासीयान को मृत्युभोज में आमंत्रित करके एकत्रित किए थे. इस मामले में जगदीश चन्द्र कुमावत, ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत घोसुण्डी की रिपोर्ट पर थाना बस्सी पर प्रकरण लॉकडाउन उल्लंघन व राजस्थान मृत्युभोज अधिनियम 1960 की धारा 3/4 व धारा 51 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में दर्ज कर अनुसंधान अर्जुनसिंह एएसआई के जिम्मे किया गया.
कोतवाली थाने में तीन व्यापारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज
इधर, रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाडे के दोरान बिना अनुमत की दुकाने खालने पर 3 दुकानदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की गई है. कोतवाली पुलिस के अनुसार मंगलवार को चित्तौड़गढ़ कोतवाली क्षेत्र में राज्य सरकार की ओर से जारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े के दौरान बिना अनुमत की दुकाने खोल कर सामान विक्रय करने की सूचना मिली. इसपर तीन दुकानदारों के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबन्धन अधिनियम की धाराओं में अलग-अलग तीन प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की गई है.