चित्तौड़गढ़. करीब 9 महीने बाद प्रदेश में सोमवार से स्कूल खुलने जा रहे हैं. हालांकि पहली से लेकर 8वीं क्लास नहीं खुलेगी और पूर्व की भांति ऑनलाइन एजुकेशन जारी रहेगी. केवल 9वीं से 12वीं क्लास तक की क्लास ही खुलेंगी. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष गाइडलाइन जारी की गई है.
संबंधित स्कूलों प्रबंधन को बच्चों की संख्या के आधार पर एक से अधिक क्लास की व्यवस्था करनी होगी. वहीं मॉस्क अनिवार्य रहेगा. प्रतिदिन सैनिटाइजेशन के साथ-साथ सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा. इस गाइडलाइन के आधार पर चित्तौड़गढ़ में शिक्षा विभाग ने सारी तैयारियों को अंतिम रूप देते हुए सारे स्कूलों के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
चित्तौड़गढ़ जिले में सोमवार से ही सभी 564 विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू होने जा रहा है. इनमें 393 राजकीय और 171 गैर राजकीय माध्यमिक विद्यालय है. शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूलों को कोरोना गाइडलाइन की पालना को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. विभाग की ओर से अभियान चलाकर संबंधित स्कूलों में पेरेंट्स मीटिंग के जरिए covid-19 guideline से अवगत कराया गया.
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शांतिलाल सुथार ने बताया कि इसमें बच्चों के बीच 2 गज की दूरी अर्थात सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष फोकस किया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाने के लिए स्कूलों में 1 से अधिक क्लास लगाने की व्यवस्था की गई है. हालांकि एक से लेकर आठवीं तक की क्लास से बंद है. ऐसे में बैठक व्यवस्था को लेकर कोई बड़ी दिक्कत आने वाली नहीं है. फिर भी जरूरत पड़ने पर परिसर में ही बच्चों को बैठाया जा सकेगा. 9वीं और 11वीं क्लास के बच्चों के लिए 10 से लेकर 4 बजे तक क्लास चलेगी. वहीं 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल का समय 9:30 से 3:30 बजे तक रहेगा.
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इसके साथ ही आने और जाने के गेट भी अलग-अलग रहेंगे. वहीं, क्लास के बाहर सैनिटाइज की बोतल रहेगी. वहीं, संबंधित क्लासों को प्रतिदिन सैनिटाइज कराने के अलावा सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. प्रत्येक बच्चे को मास्क लगाना होगा. किसी बच्चे के पास मास्क नहीं है तो स्कूल को प्रोवाइड कर आना होगा. स्कूल के फंड से प्रत्येक स्कूल में 100 मास्क रिजर्व में रखने होंगे.
जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार बच्चे पानी की बोतल और लंच आपस में शेयर नहीं कर सकेंगे. स्कूल प्रबंधन को पानी की व्यवस्था करनी होगी. जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सरकारी और गैर सरकारी स्कूल प्रबंधन को गाइडलाइन की पालना के लिए पाबंद कर दिया गया है और अधिकारियों की ओर से इस पर सतत नजर रखी जाएगी.