चित्तौड़गढ़. जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में गुरुवार को जिला स्पेशल टीम और गंगरार थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से दबिश देकर पांच लाख रुपये मूल्य की 82 क्विंटल 70 किलो खैर की लकड़ी पकड़ी है. वहीं, इस मामले में दो आरोपित नामजद किए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. प्रारंभिक रूप से खैर की इन लकड़ियों को दिल्ली व हरियाणा की गुटखा फैक्ट्रियों में भेजने की बात समाने आ रही है.
पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने बताया कि संगठित अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जिला विशेष टीम को सूचना मिली कि गंगरार थाना क्षेत्र में एक जगह अवैध गीली खैर की लकड़ी का संग्रहण किया जा रहा है. इस पर उक्त सूचना की पुष्टि और कार्रवाई के लिए जिला विशेष टीम प्रभारी शिवलाल मीणा के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल ललित कुमार मय जाप्ता जिला विशेष टीम व थाना गंगरार से एएसआई धूड़ाराम भी फोर्स के साथ रवाना हुए.
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सूचना के मुताबिक गंगरार क्षेत्र में आने वाले सूरत सिंह खेड़ा में लक्ष्मणसिंह के खेत पर पहुंचे. यहां पर खैर की गीली लकड़ी पड़ी हुई थी. यहां से 4-5 व्यक्ति पुलिस जाप्ते को देख कर मौके का फायदा उठा कर फरार हो गए. मौके पर जांच की तो खैर की गीली लकड़ी को दूसरी जगह ले जाने के बाबत रखी हुई है. जांच में सामने आया कि खैर की गीली लकड़ी लक्ष्मण सिंह पुत्र चतर सिंह राजपूत निवासी सूरत सिंह जी का खेड़ा थाना गंगरार व अब्बू साहिद उर्फ टीपू पुत्र असलम खां निवासी बरखेड़ा थाना मंडाफिया की होने की बात सामने आई.
इस लकड़ी का वजन 82 क्विंटल 70 किलो था. खैर की लकड़ी उत्तरप्रदेश, दिल्ली व हरियाणा में स्थित गुटखा पान मसाला फैक्ट्रियों में गुटखा व पान मसाला के उपयोग में आने वाले कत्था बनाने में काम लिया जाता है. इन फैक्ट्रियों को ऊंचे दाम पर यह लकड़ियां बेची जाती हैं. खैर की लकड़ी की अनुमानित कीमत करीब पांच लाख रुपये बताई जा रही है. इस पर बरामद खैर की गीली लकड़ी को जब्त किया गया. दोनों आरोपियों के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट में थाना गंगरार में प्रकरण दर्ज कर इनकी तलाश की जा रही है.