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प्रवासी पक्षियों के जरिए चित्तौड़गढ़ पहुंचा बर्ड फ्लू, 46 कौऔं सहित 79 पक्षियों की मौत

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Published : Jan 9, 2021, 10:24 AM IST

चित्तौड़गढ़ में बर्ड फ्लू के गंभीर हालात हो गए हैं. जिले में अब तक कुल 168 पक्षियों की मौत हो गई है. जिसके बाद पशुपालन विभाग ने पोल्ट्री संचालकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

चित्तौड़गढ़ में बर्ड फ्लू, Chittaurgarh hindi news
चित्तौड़गढ़ में बर्ड फ्लू

चित्तौड़गढ़. जिले में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. सैंपल रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के साथ ही पशुपालन विभाग सतर्क हो उठा. निंबाहेड़ा में शुक्रवार को 43, बेगू में तीन और कौए मृत मिले हैं. इसके अलावा दो कबूतर सहित 31 चिड़िया भी मृत पाई गईं.

चित्तौड़गढ़ में कुल 168 पक्षियों की मौत

चित्तौड़गढ़ में अब तक कुल 168 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 136 कौए शामिल हैं. दूसरी ओर बर्ड फ्लू (Avian influenza) फैलने का मुख्य कारण प्रवासी पक्षियों को माना गया है. ऐसे में विभाग ने वन विभाग के जरिए प्रमुख जलाशयों से भी पक्षियों की बीट के सैंपल कलेक्ट किए हैं. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पोल्ट्री फार्म चलाने वाले लोगों से संपर्क कर एहतियात बरतने की सलाह दी है.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में बर्ड फ्लू का कहर जारी...अब तक 2,166 पक्षियों की मौत ने बढ़ाई सरकार की चिंता

पिछले एक सप्ताह से पक्षियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. निंबाहेड़ा के जेके परिसर में सर्वाधिक कोऔं की मौत हुई है. शुक्रवार शाम तक 42 और कौए मृत मिले. वहीं बेगू में भी 3 कौओं के मरने की सूचना पशुपालन विभाग को मिली.

पशुपालन विभाग की ओर से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन्हें गाइडलाइन के अनुसार दफना दिया. भोपाल से आई सैंपल की रिपोर्ट ने विभागीय अधिकारियों को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है. भोपाल से आई रिपोर्ट में H-5 N8 के लक्षण पाए गए हैं. हालांकि, विभाग का दावा है कि यह मनुष्य के लिए घातक नहीं है.

पोल्ट्री फार्म संचालकों को अलर्ट रहने के निर्देश

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर नेत्रपाल सिंह ने बताया कि यह जो वायरस आया है, प्रवासी पक्षियों के जरिए ही पहुंचा है. एहतियात के तौर पर वन विभाग के साथ मिलकर जिले के प्रमुख जलाशयों पर आने वाले पक्षियों की बीट के सैंपल लिए जा रहे हैं. डूंगला इलाके में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है, जहां से मीट के सैंपल लेकर उदयपुर लैबॉरेट्री भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में संचालित पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण कर संचालकों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ किस प्रकार से मुर्गियों को बर्ड फ्लू से सुरक्षित रखा जा सकता है, इस बारे में आवश्यक सुझाव दिए गए. हालांकि, अब तक पोल्ट्री फार्म तक बर्ड फ्लू के पहुंचने की कोई बात सामने नहीं आई है.

चित्तौड़गढ़. जिले में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. सैंपल रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि के साथ ही पशुपालन विभाग सतर्क हो उठा. निंबाहेड़ा में शुक्रवार को 43, बेगू में तीन और कौए मृत मिले हैं. इसके अलावा दो कबूतर सहित 31 चिड़िया भी मृत पाई गईं.

चित्तौड़गढ़ में कुल 168 पक्षियों की मौत

चित्तौड़गढ़ में अब तक कुल 168 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 136 कौए शामिल हैं. दूसरी ओर बर्ड फ्लू (Avian influenza) फैलने का मुख्य कारण प्रवासी पक्षियों को माना गया है. ऐसे में विभाग ने वन विभाग के जरिए प्रमुख जलाशयों से भी पक्षियों की बीट के सैंपल कलेक्ट किए हैं. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने पोल्ट्री फार्म चलाने वाले लोगों से संपर्क कर एहतियात बरतने की सलाह दी है.

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पिछले एक सप्ताह से पक्षियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. निंबाहेड़ा के जेके परिसर में सर्वाधिक कोऔं की मौत हुई है. शुक्रवार शाम तक 42 और कौए मृत मिले. वहीं बेगू में भी 3 कौओं के मरने की सूचना पशुपालन विभाग को मिली.

पशुपालन विभाग की ओर से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इन्हें गाइडलाइन के अनुसार दफना दिया. भोपाल से आई सैंपल की रिपोर्ट ने विभागीय अधिकारियों को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है. भोपाल से आई रिपोर्ट में H-5 N8 के लक्षण पाए गए हैं. हालांकि, विभाग का दावा है कि यह मनुष्य के लिए घातक नहीं है.

पोल्ट्री फार्म संचालकों को अलर्ट रहने के निर्देश

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर नेत्रपाल सिंह ने बताया कि यह जो वायरस आया है, प्रवासी पक्षियों के जरिए ही पहुंचा है. एहतियात के तौर पर वन विभाग के साथ मिलकर जिले के प्रमुख जलाशयों पर आने वाले पक्षियों की बीट के सैंपल लिए जा रहे हैं. डूंगला इलाके में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है, जहां से मीट के सैंपल लेकर उदयपुर लैबॉरेट्री भेजे गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में संचालित पोल्ट्री फार्म का निरीक्षण कर संचालकों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ किस प्रकार से मुर्गियों को बर्ड फ्लू से सुरक्षित रखा जा सकता है, इस बारे में आवश्यक सुझाव दिए गए. हालांकि, अब तक पोल्ट्री फार्म तक बर्ड फ्लू के पहुंचने की कोई बात सामने नहीं आई है.

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