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जिंक प्लांट के लाखों के जिंक कैल्साइन चोरी का खुलासा, तीन को किया गिरफ्तार - जिंक कैल्साइन चोरी

चित्तौड़गढ़ में शुक्रवार को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा प्लांट से पुठोली प्लांट लाया जा रहा जिंक कैल्साइन चोरी होने का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से पुलिस ने एक बल्कर और ट्राली जब्त की है.

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जिंक कैल्साइन चोरी मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार
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Published : Feb 26, 2021, 3:53 PM IST

चित्तौड़गढ़. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा प्लांट से पुठोली प्लांट ला रहे 10 लाख रुपए की लागत का जिंक कैल्साइन को चोरी करते जिले की पुलिस ने बरामद किया है. साथ ही चोरी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनसे एक बल्कर और ट्राली जब्त की है. इस मामले का खुलासा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह देवल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में किया.

जिंक कैल्साइन चोरी मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

इस दौरान एएसपी देवल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव को जिंक अधिकारियों की और से सूचना दी गई थी कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा प्लांट से प्रोसेसिंग किया हुआ जिंक कैल्साइन पुठोली प्लांट के लिए लाया जा रहा था, जो रास्ते में चोरी हो रहा है. इसी दौरान किसी ने 10 लाख रुपए के लागत वाला जिंक कैल्साइन को चुरा लिया. इस पर चंदेरिया थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाई की जा रही थी. इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस उप अधीक्षक मनीष शर्मा के सुपरविजन में चंदेरिया थाना, सदर थाना और जिला स्पेशल टीम की अलग अलग टीम बनाई गई.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर आयोजित हुआ साका और जौहर स्मरण कार्यक्रम, वीरांगनाओं और शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

इन टीमों ने जिंक कैल्साइन को चुरा कर एक जगह भण्डारण करने वाले स्थानों पर लगातार निगरानी रखी. 25 फरवरी को एक सूचना मिली कि जिंक कैल्साइन को चुरा कर सिरोड़ी के पास एक बंद पड़ी सीमेन्ट ईंट फैक्ट्री के पास भण्डारण करके इसमें पीली मिट्टी का मिश्रण कर कहीं अन्यत्र जगह बेचा जा रहा है. सूचना पर चंदेरिया थानाधिकारी अनिल जोशी, जिला विशेष टीम प्रभारी शिवलाल मीणा और सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह के नेतृत्व में गठित टीम मय जाब्ता मौके पर पहुंची. यहां बने 2 कमरों के पास में एक बल्कर और एक ट्रैक्टर ट्रॉली के पास तीन जने खड़े थे. यहां तीनों व्यक्तियों के पास प्लास्टिक के कट्टे, मैप और कुछ पदार्थ थे, जो वह अंदर कमरों में जमा रहे थे. पुलिस को देखते ही तीनों ने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने घेरा देकर तीनों को पकड़ा.

पुलिस ने मौके से कपासन थाना क्षेत्र के कांकरिया निवासी मोहब्बत सिंह पुत्र रतन सिंह राजपूत, बनाकिया कला निवासी कन्हैयालाल पुत्र भैरुलाल कुमावत और चन्देरिया थाना क्षेत्र के सिरोड़ी निवासी सुरेश पुत्र नानूराम कुमावत होना बताया. मौके पर हिंदुस्तान जिंक के सीएसओ और अन्य अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई.

हिंदुस्तान जिंक के अधिकारियों और तीनों संदिग्ध ने प्रारंभिक पूछताछ में माल के तथ्यों की पुष्टि करते हुए हिंदुस्तान जिंक का माल होना बताया. आरोपियों ने बताया कि शिव सिंह जी का खेड़ा निवासी महेंद्रगिरी पुत्र हेमगिरी गोस्वामी और सिरोड़ी निवासी प्रभुलाल पुत्र अमरा कुमावत बल्कर चालक से मिली भगत कर चोरी का कार्य करता था. हिंदुस्तान जिंक के सिक्योरिटी अधिकारी ने इस संबंध में रिपोर्ट पेश की थी. बल्कर चालकों से संपर्क करना और यहां पर चोरी का माल खाली होने के बाद आगे बेचने का सारा काम महेंद्रगिरी और प्रभुलाल कुमावत की देख रेख में होता था. मौके पर जिंक मिश्रण के कुल 315 कट्टे पाए गए. प्रत्येक प्लास्टिक के कट्टे का वजन 50 किलोग्राम था. पास ही एक ट्रैक्टर टली खड़ा मिला, जिसमें प्लास्टिक के कट्टे थे और उस प्लास्टिक के कट्टे में पीली मिट्टी भरी हुई थी.

पढ़ें- चित्तौड़गढ़: चंदेरिया में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हरिराम स्टेडियम का लोकार्पण

आरोपियों ने बताया कि यह महेंद्र गिरी व प्रभु लाल ने मंगवाई है जो जिंक कैल्साइन में मिलाया जाता है. पुलिस में मौके पर खड़े बल्कर, ट्रैक्टर ट्रॉली, पीली मिट्टी के 48 कट्टे जब्त कर लिए गए. तीनों आरोपी ने यह भी बताया कि इस चोरी का मास्टरमाइंड महेंद्रगिरी है, जो यह काम काफी लंबे समय से कर रहा है. पिछले कुछ समय से प्रभुलाल भी जुड़ गया है. महेंद्रगिरी जिंक चोरी का आदी है और पूर्व में कई बार जिनके चोरी के मामले में चालान हुआ है. महेंद्रगिरी चंदेरिया थाने में हिस्ट्रीशीटर भी है. इस मामले में लिप्त हिंदुस्तान जिंक प्लांट पुठोली में अनुबंध में चल रहे बल्कर मालिक के अन्य दो डंपर को भी जब्त करना है और मास्टर माइंड महेंद्र गिरी और प्रभु लाल की तलाश जारी है.

चित्तौड़गढ़. हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा प्लांट से पुठोली प्लांट ला रहे 10 लाख रुपए की लागत का जिंक कैल्साइन को चोरी करते जिले की पुलिस ने बरामद किया है. साथ ही चोरी के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनसे एक बल्कर और ट्राली जब्त की है. इस मामले का खुलासा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह देवल ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में किया.

जिंक कैल्साइन चोरी मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार

इस दौरान एएसपी देवल ने बताया कि पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव को जिंक अधिकारियों की और से सूचना दी गई थी कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के दरीबा प्लांट से प्रोसेसिंग किया हुआ जिंक कैल्साइन पुठोली प्लांट के लिए लाया जा रहा था, जो रास्ते में चोरी हो रहा है. इसी दौरान किसी ने 10 लाख रुपए के लागत वाला जिंक कैल्साइन को चुरा लिया. इस पर चंदेरिया थाने में मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाई की जा रही थी. इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस उप अधीक्षक मनीष शर्मा के सुपरविजन में चंदेरिया थाना, सदर थाना और जिला स्पेशल टीम की अलग अलग टीम बनाई गई.

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इन टीमों ने जिंक कैल्साइन को चुरा कर एक जगह भण्डारण करने वाले स्थानों पर लगातार निगरानी रखी. 25 फरवरी को एक सूचना मिली कि जिंक कैल्साइन को चुरा कर सिरोड़ी के पास एक बंद पड़ी सीमेन्ट ईंट फैक्ट्री के पास भण्डारण करके इसमें पीली मिट्टी का मिश्रण कर कहीं अन्यत्र जगह बेचा जा रहा है. सूचना पर चंदेरिया थानाधिकारी अनिल जोशी, जिला विशेष टीम प्रभारी शिवलाल मीणा और सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह के नेतृत्व में गठित टीम मय जाब्ता मौके पर पहुंची. यहां बने 2 कमरों के पास में एक बल्कर और एक ट्रैक्टर ट्रॉली के पास तीन जने खड़े थे. यहां तीनों व्यक्तियों के पास प्लास्टिक के कट्टे, मैप और कुछ पदार्थ थे, जो वह अंदर कमरों में जमा रहे थे. पुलिस को देखते ही तीनों ने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने घेरा देकर तीनों को पकड़ा.

पुलिस ने मौके से कपासन थाना क्षेत्र के कांकरिया निवासी मोहब्बत सिंह पुत्र रतन सिंह राजपूत, बनाकिया कला निवासी कन्हैयालाल पुत्र भैरुलाल कुमावत और चन्देरिया थाना क्षेत्र के सिरोड़ी निवासी सुरेश पुत्र नानूराम कुमावत होना बताया. मौके पर हिंदुस्तान जिंक के सीएसओ और अन्य अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई.

हिंदुस्तान जिंक के अधिकारियों और तीनों संदिग्ध ने प्रारंभिक पूछताछ में माल के तथ्यों की पुष्टि करते हुए हिंदुस्तान जिंक का माल होना बताया. आरोपियों ने बताया कि शिव सिंह जी का खेड़ा निवासी महेंद्रगिरी पुत्र हेमगिरी गोस्वामी और सिरोड़ी निवासी प्रभुलाल पुत्र अमरा कुमावत बल्कर चालक से मिली भगत कर चोरी का कार्य करता था. हिंदुस्तान जिंक के सिक्योरिटी अधिकारी ने इस संबंध में रिपोर्ट पेश की थी. बल्कर चालकों से संपर्क करना और यहां पर चोरी का माल खाली होने के बाद आगे बेचने का सारा काम महेंद्रगिरी और प्रभुलाल कुमावत की देख रेख में होता था. मौके पर जिंक मिश्रण के कुल 315 कट्टे पाए गए. प्रत्येक प्लास्टिक के कट्टे का वजन 50 किलोग्राम था. पास ही एक ट्रैक्टर टली खड़ा मिला, जिसमें प्लास्टिक के कट्टे थे और उस प्लास्टिक के कट्टे में पीली मिट्टी भरी हुई थी.

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आरोपियों ने बताया कि यह महेंद्र गिरी व प्रभु लाल ने मंगवाई है जो जिंक कैल्साइन में मिलाया जाता है. पुलिस में मौके पर खड़े बल्कर, ट्रैक्टर ट्रॉली, पीली मिट्टी के 48 कट्टे जब्त कर लिए गए. तीनों आरोपी ने यह भी बताया कि इस चोरी का मास्टरमाइंड महेंद्रगिरी है, जो यह काम काफी लंबे समय से कर रहा है. पिछले कुछ समय से प्रभुलाल भी जुड़ गया है. महेंद्रगिरी जिंक चोरी का आदी है और पूर्व में कई बार जिनके चोरी के मामले में चालान हुआ है. महेंद्रगिरी चंदेरिया थाने में हिस्ट्रीशीटर भी है. इस मामले में लिप्त हिंदुस्तान जिंक प्लांट पुठोली में अनुबंध में चल रहे बल्कर मालिक के अन्य दो डंपर को भी जब्त करना है और मास्टर माइंड महेंद्र गिरी और प्रभु लाल की तलाश जारी है.

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