चित्तौड़गढ़. कोरोना गांवों में भी तेजी से अपने पैर पसार रहा है. निंबाहेड़ा उपखंड क्षेत्र में आने वाला गादोला गांव इन दिनों हॉट स्पॉट बन चुका है, जहां हर दिन न केवल पॉजिटिव रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, बल्कि लगातार मौतों का ग्राफ भी बढ़ रहा है. हालात यह है कि पिछले 10 दिन में 19 ग्रामीण अकाल मौत का ग्रास बन चुके हैं. मरने वालों में से चार लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव थी, जबकि अन्य की मौत के पीछे भी कोरोना को ही माना जा रहा है. इसका कारण यह है कि गांव के लोगों में इसे लेकर अजीब सा खौफ छाया हुआ है और लोग डर के मारे सैंपल की जांच कराने तक से कतरा रहे हैं, लगातार मौतों के चलते ग्रामीण घरों से भी बाहर नहीं निकल रहे हैं.
वहीं, कोरोना को लेकर गांव की क्या स्थिति है इसका अंदाजा प्रशासनिक अधिकारियों के लगातार दौरों से लगाया जा सकता है, जहां उपखंड अधिकारी के नियमित विजिट के साथ-साथ आज खुद जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा भी पहुंच गए. इस स्थिति को देखते हुए गांव में ही उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है. 600 लोगों की आबादी वाले इस गांव में गुरुवार को भी एक के बाद एक कर तीन लोग मौत का शिकार हो गए. इस प्रकार पिछले 10 दिन में 19 लोग मौत का शिकार हो चुके हैं.
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ग्रामीणों की मानें तो अब भी हर घर में सर्दी जुखाम और बुखार के रोगी बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन कोविड-19 में भर्ती किए जाने की आशंका में जांच के लिए सैंपल देने से कतरा रहे हैं. गांव में लगातार होती इन मौतों और घर घर में बीमारी के चलते गांव के लोगों में अजीब सा डर देखा जा सकता है. पिछले कई दिनों से गांव की गलियां सूनी पड़ी हैं, तो सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. हालांकि, प्रशासन के साथ-साथ चिकित्सा विभाग की टीमें जांच के लिए लगातार गांव में पहुंच रही हैं, लेकिन डर के मारे ग्रामीण सैंपल जांच के लिए आगे नहीं आ रहे हैं.
गांव में कोरोना के बढ़ते डर को देखते हुए जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा भी पहुंचे. उन्होंने गांव के प्रमुख लोगों की बैठक लेकर सैंपल जांच के लिए आगे आने का आह्वान किया. ग्रामीणों के आग्रह पर जिला कलेक्टर ने मरीजों के इलाज के लिए गांव के स्कूल में ही कोविड-19 सेंटर खोलने का आश्वासन दिया और उसी के अंतर्गत केयर सेंटर खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.