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ISIS का नकाब पहनकर महिला पर हमला करने वाले चाचा भतीजे को 7 साल की सजा

नागौर. जिले के बड़ी खाटू थाना क्षेत्र में करीब चार साल पुराने मामले ISIS के झंडे मिलने के मामले से जुड़े प्रकरण मामले में गुरूवार को नागौर एडीजे कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को सात साल की सजा सुनाई है.

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Published : Feb 8, 2019, 3:36 PM IST

पुलिस की जांच ठोस गवाह और मौके पर मिले झण्डे के आधार पर एडीजे कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को सात साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 498 आईपीसी के तहत गंभीर अपराध को देखते हुए 5- 5 साल की कठोर कारावास के साथ ₹10000 का अर्थदंड भी दिया गया है. वहीं अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 120 और 307 आईपीसी के तहत दोनों अभियुक्तों को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

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गौरतलब है कि खाटू बड़ी थाना क्षेत्र के नीम नगर में 9 अगस्त 2016 को वृद्धा नाथी देवी पर जानलेवा हमला किया गया था हमले में नाती देवी गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पुलिस की जांच में वेधराज और कानाराम पालीवाल ने अपने बडे भाई गंगाराम के बीच जमीनी विवाद 3 साल से चल रहा था क्योंकि गंगाराम का कोई पुत्र नहीं होने की वजह से गंगा राम के भाई कानाराम और उसके देवर के लड़के वेधराज इस जमीन पर मालिकाना हक लगातार जता रहे थे.

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9 अगस्त 2016 को योजनाबद्ध तरीके से ISIS के झंडे के नकाब लगाकर वारदात को अंजाम दिया गया वृद्धा नाथी देवी द्वारा विरोध करने पर दोनों आरोपियों के चेहरे पर लगे नकाब को छीना झपटी में वारदात की जगह जमीन पर गिर गए दोनों आरोपी वृद्धा नाथी देवी को गभ्भीर घायल कर के मौके से फरार हो गए सुबह पूरे कस्बे में ISIS की मौजूदगी को लेकर वृद्धा नाथी देवी पर हुए गभ्भीर हमले को लेकर सनसनी फैल गई.

एडीजे कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में नरमी का रुक न्यायालय द्वारा अपनाया जाता है तो इससे समाज में गलत संदेश जाना तय है. अतः आरोपियों के विरुद्ध अपराध की गंभीरता और प्रकरण में उपयुक्त समस्त तथ्य और गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए दोनों को दंडित किया जाना आवश्यक है.

पुलिस की जांच ठोस गवाह और मौके पर मिले झण्डे के आधार पर एडीजे कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को सात साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 498 आईपीसी के तहत गंभीर अपराध को देखते हुए 5- 5 साल की कठोर कारावास के साथ ₹10000 का अर्थदंड भी दिया गया है. वहीं अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 120 और 307 आईपीसी के तहत दोनों अभियुक्तों को 7 साल की सजा सुनाई गई है.

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गौरतलब है कि खाटू बड़ी थाना क्षेत्र के नीम नगर में 9 अगस्त 2016 को वृद्धा नाथी देवी पर जानलेवा हमला किया गया था हमले में नाती देवी गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पुलिस की जांच में वेधराज और कानाराम पालीवाल ने अपने बडे भाई गंगाराम के बीच जमीनी विवाद 3 साल से चल रहा था क्योंकि गंगाराम का कोई पुत्र नहीं होने की वजह से गंगा राम के भाई कानाराम और उसके देवर के लड़के वेधराज इस जमीन पर मालिकाना हक लगातार जता रहे थे.

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9 अगस्त 2016 को योजनाबद्ध तरीके से ISIS के झंडे के नकाब लगाकर वारदात को अंजाम दिया गया वृद्धा नाथी देवी द्वारा विरोध करने पर दोनों आरोपियों के चेहरे पर लगे नकाब को छीना झपटी में वारदात की जगह जमीन पर गिर गए दोनों आरोपी वृद्धा नाथी देवी को गभ्भीर घायल कर के मौके से फरार हो गए सुबह पूरे कस्बे में ISIS की मौजूदगी को लेकर वृद्धा नाथी देवी पर हुए गभ्भीर हमले को लेकर सनसनी फैल गई.

एडीजे कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में नरमी का रुक न्यायालय द्वारा अपनाया जाता है तो इससे समाज में गलत संदेश जाना तय है. अतः आरोपियों के विरुद्ध अपराध की गंभीरता और प्रकरण में उपयुक्त समस्त तथ्य और गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए दोनों को दंडित किया जाना आवश्यक है.

Intro:.NAGAUR ADJ COURT KA FAISLA.नागौर एडीजे कोर्ट का बडा फैसला....चाचा और भतीजे को कोर्ट ने सुनाई सजा
आरोपी वैधराज और कानाराम को सात-सात साल की सजा और 15 हजार का अर्थदण्ड
.......
नागौर जिले के बड़ी खाटू थाना क्षेत्र के नीम नगर में करीब 4 साल पुराने मामले मे वरदान आपी देवी पर हमला करके मौके पर ISIS का झंडे मिलने के मामले से जुड़े प्रकरण मामले में आज नागौर एडीजे कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को सात सात साल की सजा सुनाई है


Body:नागौर जिले के बड़ी खाटू थाना क्षेत्र के भीम नगर में 9 अप्रैल 2016 को वृध्दा नाथी देवी पर हमला कर के मौके पर आईएसआईएस का का झंडा छोड़ कर सनसनी फैला देने के मामले में आज नागौर एडीजे कोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में मामले से जुड़े दोनों आरोपियों को 7 साल साल की सजा सुनाई है पुलिस की जांच ठोस गवाह और मौके पर मिले आमलात के आधार पर आज नागौर एडीजे कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को साफ-साफ साल की सजा सुनाई है अभियुक्त गण वेधराज और कानाराम को धारा 498 आईपीसी के तहत गंभीर अपराध को देखते हुए 5- 5 साल की कठोर कारावास के साथ ₹10000 का अर्थदंड भी दिया गया वहीं अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 120 और 307 आईपीसी के तहत दोनों अभियुक्तों को 7 साल की सजा सुनाई गई है.. गौरतलब है कि खाटू बड़ी थाना क्षेत्र के नीम नगर में 9 अगस्त 2016 को वृद्धा नाथी देवी पर जानलेवा हमला किया गया था हमले में नाती देवी गंभीर रूप से घायल हो गई थी पुलिस की जांच में वेधराज और कानाराम पालीवाल ने अपने बडे भाई गंगाराम के बीच जमीनी विवाद पिछले 3 साल से चल रहा था क्योंकि गंगाराम का कोई पुत्र नहीं होने की वजह से गंगा राम के भाई कानाराम और उसके देवर के लड़के वेधराज इस जमीन पर मालिकाना हक लगातार जता रहे थे 9 अगस्त 2016 को योजनाबद्ध तरीके से ISIS के झंडे के नकाब लगाकर वारदात को अंजाम दिया गया वृद्धा नाथी देवी द्वारा विरोध करने पर दोनों आरोपियों के चेहरे पर लगे नकाब को छीना झपटी में वारदात की जगह जमीन पर गिर गए दोनों आरोपी वृद्धा नाथी देवी को गभ्भीर घायल कर के मौके से फरार हो गए सुबह पूरे कस्बे में ISIS की मौजूदगी को लेकर वृद्धा नाथी देवी पर हुए गभ्भीर हमले को लेकर सनसनी फैल गई फिर दोनों आरोपियों ने गंगाराम के साथ अस्पताल में वृध्दा नाथी देवी को लेकर खाटू बड़ी अस्पताल पहुंचे जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद नागौर से जोधपुर रेफर कर दिया ताकि पुलिस को इन लोगों पर शक ना हो और वृध्दा के साथ उपचार में मौजूद रहे पुलिस की जांच में आईएसआईएस के बीच केंद्र रहे लेकिन कुछ समय बाद वृध्दा नाथी देवी को होश पर पुलिस को दिए बयान में पूरी वारदात की कहानी बता दी तो जांच की दिशा ही बदल दी गई जांच र्अधिकारी खाटू बडी थाना पुलिस ने मामले से जुड़े चाचा कानाराम और उसके भतीजे वैधराज को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेज दिया मामला बीते 3 वर्षों से नागौर कोर्ट में विचाराधीन था आज न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए दोनों को कठोर कारावास के साथ अर्थदण्ड भी सुनाया गया


Conclusion:एडीजे कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में नरमी का रुक न्यायालय द्वारा अपनाया जाता है इससे समाज में गलत संदेश जाना तय है अतः आरोपियों के विरुद्ध अपराध की गंभीरता और प्रकरण में उपयुक्त समस्त तथ्य और गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए दोनों को दंडित किया जाना आवश्यक है

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