पुलिस की जांच ठोस गवाह और मौके पर मिले झण्डे के आधार पर एडीजे कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मामले से जुड़े चाचा और भतीजे को सात साल की सजा सुनाई है. अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 498 आईपीसी के तहत गंभीर अपराध को देखते हुए 5- 5 साल की कठोर कारावास के साथ ₹10000 का अर्थदंड भी दिया गया है. वहीं अभियुक्त वेधराज और कानाराम को धारा 120 और 307 आईपीसी के तहत दोनों अभियुक्तों को 7 साल की सजा सुनाई गई है.
गौरतलब है कि खाटू बड़ी थाना क्षेत्र के नीम नगर में 9 अगस्त 2016 को वृद्धा नाथी देवी पर जानलेवा हमला किया गया था हमले में नाती देवी गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पुलिस की जांच में वेधराज और कानाराम पालीवाल ने अपने बडे भाई गंगाराम के बीच जमीनी विवाद 3 साल से चल रहा था क्योंकि गंगाराम का कोई पुत्र नहीं होने की वजह से गंगा राम के भाई कानाराम और उसके देवर के लड़के वेधराज इस जमीन पर मालिकाना हक लगातार जता रहे थे.
9 अगस्त 2016 को योजनाबद्ध तरीके से ISIS के झंडे के नकाब लगाकर वारदात को अंजाम दिया गया वृद्धा नाथी देवी द्वारा विरोध करने पर दोनों आरोपियों के चेहरे पर लगे नकाब को छीना झपटी में वारदात की जगह जमीन पर गिर गए दोनों आरोपी वृद्धा नाथी देवी को गभ्भीर घायल कर के मौके से फरार हो गए सुबह पूरे कस्बे में ISIS की मौजूदगी को लेकर वृद्धा नाथी देवी पर हुए गभ्भीर हमले को लेकर सनसनी फैल गई.
एडीजे कोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में नरमी का रुक न्यायालय द्वारा अपनाया जाता है तो इससे समाज में गलत संदेश जाना तय है. अतः आरोपियों के विरुद्ध अपराध की गंभीरता और प्रकरण में उपयुक्त समस्त तथ्य और गतिविधियों को मद्देनजर रखते हुए दोनों को दंडित किया जाना आवश्यक है.