जयपुर. समय के साथ बदलती टेक्नोलॉजी के चलते अब प्रशासनिक सुधार विभाग भी सचिवालय कर्मचारियों की ट्रेनिंग में बदलाव करेगा.सचिवालय कर्मचारी की ट्रेनिंग के नाम पर सालाना लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. इसमें कर्मचारियों को ट्रेनिंग के नाम पर वही सालों से चली आ रही बातों को सुना कर अधिकारी कर्मचारियों का टाइम पास करना अब नहीं चल पाएगा.
इसके लिए प्रशासन सुधार विभाग पूरी तरीके से तैयार है. प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी विभागों एसीएस और प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने विभागों के सचिवों से पूछा है कि आप के कामकाज की गुणवत्ता बढ़े इसके लिए ट्रेनिंग के लिए आपकी किस तरह से रिक्वायरमेंट है. कितने दिन की ट्रेनिंग होनी चाहिए. किस तरह से ट्रेनर होने चाहिए.
इसके साथ ही प्रशासनिक सुधार विभाग एसीएस ने ओटीएस निदेशक को भी पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पूछा है कि ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल में कितने ट्रेनर हैं. क्या वह एलडीसी, यूडीसी, अनुभाग अधिकारी और सहायक सचिव को ट्रेनिंग देने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही उन्होंने पूछा है कि समय के साथ बदल रही टेक्नोलॉजी का ज्ञान भी वह देने में सक्षम है या नहीं. अगर ट्रेनर अभी नई टेक्नोलॉजी का ज्ञान नहीं रखते हैं तो उनकी सेवाएं नहीं ली जाएंगी.
एसीएस रविशंकर श्रीवास्तव ने विभागों के सचिवों को निर्देश दिए हैं कि ट्रेनिंग के दौरान अनुभाग अधिकारी या उससे ऊपर लेवल के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करें. जो ट्रेनिंग में वहां मौजूद रहेंगे और रिपोर्ट भेजेंगे कि जिस उद्देश्य से ट्रेनिंग रखी जा रही है उसकी पूर्ति हो रही है या नहीं.