घनश्याम तिवाड़ी ने बयान जारी करते हुए ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं है. इसके पीछे तिवाड़ी ने वजह दी है कि प्रदेश में दो दलीय व्यवस्था है. इसलिए उनके सामने सिर्फ दो ही विकल्प हैं भाजपा और कांग्रेस. पार्टी इन्हीं में से किसी एक में अपना भविष्य देख रही है. तिवाड़ी ने बताया कि किस पार्टी में शामिल होना है इसको लेकर पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक मार्च में बुलाई गई है. इसके बाद मार्च के पहले ही हफ्ते में ऐलान कर देंगे कि हम किसके साथ जा रहे हैं.
तिवाड़ी से जब सवाल किया गया कि अशोक गहलोत से मुलाकात के दौर को देखा जाए तो क्या संभावाना है कि आप कांग्रेस में जा सकते हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वो अकेले इसका फैसला नहीं कर सकते हैं. मार्च के पहले सप्ताह में पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक के बाद यह तय किया जाएगा कि वो किसके साथ जा रहे हैं.
वहीं बीजेपी में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें बीजेपी से निकाला नहीं गया था. उन्होंने खुद बीजेपी छोड़ी थी. इसके अलावा उनकी दो ही मांग थी. एक तो सवर्ण आरक्षण और दूसरा इस सरकार को हटाना. दोनों ही मांगें पूरी हो चुकी हैं. ऐसे में अब भारतीय जनता पार्टी क्या सोचती है. प्रस्ताव भेजती है तो उस पर विचार किया जाएगा.
विधानसभा में पार्टी बुरी तरह से हारी
घनश्याम तिवाड़ी ने विधानसभा चुनावों से पहले इस पार्टी का गठन किया था. इस पार्टी को उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद बनाया था. पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 62 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए थे. जिसमें से एक भी प्रत्याशी जीतने में सफल नहीं हुए. खुद घनश्याम तिवाड़ी भी अपनी सांगानेर सीट से बुरी तरह से हार कर अपनी जमानत जब्त करा बैठे थे.