जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट 10 जुलाई को पेश करने जा रहे हैं. इस बार गहलोत सरकार की चिंता अगर किसी बात को लेकर सबसे ज्यादा है तो वह है महिला सुरक्षा. ऐसे में बजट में महिला सुरक्षा को लेकर कड़े कदम हो सकते हैं.
बता दें कि इस बजट में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए कानून कड़े किए जा सकते हैं. हालांकि पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर दिया था. अब गहलोत सरकार इसके लिए तय 12 साल की उम्र को बढ़ाकर 13 साल कर सकती है.
बजट में दुष्कर्म पीड़ितों के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी और नौकरी संबंधी नियमों में संशोधन किया जा सकता है. सभी नाबालिग दुष्कर्म पीड़िताओं के मुकदमें फास्ट्रेक में ही चलाए जाएंगे. दुष्कर्म पीड़ितों के लिए तुरंत केस रजिस्टर नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान लागू करना और हर थाने में महिला डेस्क के लिए अलग से घोषणा हो सकती है.
बता दें कि महिलाओं के साथ हुए अपराध के मामले दर्ज नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो सकती है. इसके साथ ही इस बजट में महिला स्क्वायड की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है और सार्वजनिक स्थानों और यातायात के साधनों को सीसीटीवी की जद में लाया जा सकता है. वहीं सरकारी कॉलेज में अलग से सहायता केंद्र बनाए जा सकते हैं, तो छात्राओं को नई एजुकेशन स्कीम की भी पॉलिसी गहलोत दे सकते हैं. वहीं वृद्ध महिलाओं के लिए पेंशन में इजाफा हो सकता है.