पिछले पांच सालों में सांसद जौनापुरिया टोंक और सवाई माधोपुर की जनता के बीच रहे हैं. विकास कार्यों की बात की जाए तो कोई बड़ी योजना इस क्षेत्र में शुरू नहीं हो सकी है और रेल, ईसरदा बांध, बीसलपुर को चम्बल से जोड़ने, आमली टाइगर रिजर्व जैसे कई मामलों में सांसद कोई बड़ा काम नहीं कर सके हैं. पर जनता के बीच लोकप्रियता के मामले में वह कामयाब रहे हैं और इनकी छवि टोंक में एक सेवक ओर जमीन से जुड़े नेता की रही है.
अब जबकि लोकसभा चुनाव कुछ महीनों बाद होने हैं ऐसे में बीजेपी उन्हें फिर से इसी सीट पर उम्मीदवार बना सकती है. जिसकी बड़ी वजह इस सीट पर गुर्जर मतदाताओ की बड़ी संख्या होना है. वहीं राजस्थान में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी अपने लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज टोंक से ही किया. जिससे उनकी उमीदवारी और मजबूत मानी जा रही है.
टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर जौनापुरिया विकास कार्यों पर बात करते हुए कहते है कि उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र में लगभग 175 करोड़ के विकास कार्य करवाये हैं. जिनमे सड़कों के निर्माण से लेकर स्कूलों का निर्माण व अन्य ग्रामीण विकास के कार्य हुए है.
क्षेत्र में समय बिताने की बात पर उनका यही कहना है कि उन्होंने जनता के बीच ही अपना समय बिताते हुए टोंक क्षेत्र की समस्याओं को संसद में भी उठाया है जिसमे प्रमुखतया फसल खराबे का मामला हो या फिर रेल और गुर्जर आरक्षण जैसे मसले प्रमुख है.
सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया का अलग अंदाज भी टोंक की जनता को खूब भाया है. देश के बड़े बिल्डरों में शामिल सुखबीर जौनापुरिया ने क्षेत्र की जनता के साथ गांवो में राते बिताने के साथ ही खेत मे हल चलाकर, जानवरों का दूध निकालकार, जनता के बीच जाकर गरीब के घर खाना खाकर जनता का दिल जीता है.
इसमें कोई संदेह नजर नहीं आता है तो एक समाज सेवक की तरह सांसद ने हर साल गरीबों को कम्बल वितरण के साथ ही गोसेवा पर ध्यान दिया है और हाल ही में अपनी जेब से 31 लाख रुपये जहां गोशाला को दिए है वहीं टोंक में हजारों पेड़ खुद की जेब से लगाकर वह टोंक के खेल स्टेडियम और नेहरू पार्क की तस्वीर बदलने का काम कर चुके हैं.
फाइनल रिपोर्ट- 9/10