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इलाज में लापरवाही बरतने पर निजी अस्पताल के डॉक्टर पर 1.16 लाख का हर्जाना

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Published : Apr 20, 2019, 4:12 PM IST

विद्याधर नगर स्थित सोनी मणिपाल अस्पताल के निदेशक और डॉ. दीपक यदुवंशी पर 1 लाख 16 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

इलाज में लापरवाही तो अस्पताल पर हर्जाना

जयपुर. महानगर की स्थाई लोक अदालत ने इलाज में लापरवाही बरतने पर विद्याधर नगर स्थित सोनी मणिपाल अस्पताल के निदेशक और डॉ दीपक यदुवंशी पर एक लाख 16 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश गुरुदास पारवाणी की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इलाज के दौरान मरीज के परिजनों को अस्पताल प्रशासन के उचित समन्वय के अभाव में मानसिक परेशानी उठानी पड़ी. इस दौरान मरीज का इलाज भी नहीं किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसकी पत्नी कमला के सांस में तकलीफ होने पर 9 सितंबर 2016 को सोनी मणिपाल अस्पताल की आपातकालीन इकाई में दिखाया.

वहीं चिकित्सकों ने उसके निमोनिया बताकर भर्ती कर लिया. बाद में कमला की नसों में कैल्शियम जमा होना बताकर रोटोब्लेशन मशीन से ऑपरेशन कर दिया. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थी की पत्नी की तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे दो बार अस्पताल में और दिखाया गया. वह इलाज में लापरवाही के चलते 9 नवंबर को उसकी मौत हो गई.

जयपुर. महानगर की स्थाई लोक अदालत ने इलाज में लापरवाही बरतने पर विद्याधर नगर स्थित सोनी मणिपाल अस्पताल के निदेशक और डॉ दीपक यदुवंशी पर एक लाख 16 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है. स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश गुरुदास पारवाणी की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इलाज के दौरान मरीज के परिजनों को अस्पताल प्रशासन के उचित समन्वय के अभाव में मानसिक परेशानी उठानी पड़ी. इस दौरान मरीज का इलाज भी नहीं किया गया. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसकी पत्नी कमला के सांस में तकलीफ होने पर 9 सितंबर 2016 को सोनी मणिपाल अस्पताल की आपातकालीन इकाई में दिखाया.

वहीं चिकित्सकों ने उसके निमोनिया बताकर भर्ती कर लिया. बाद में कमला की नसों में कैल्शियम जमा होना बताकर रोटोब्लेशन मशीन से ऑपरेशन कर दिया. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थी की पत्नी की तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे दो बार अस्पताल में और दिखाया गया. वह इलाज में लापरवाही के चलते 9 नवंबर को उसकी मौत हो गई.

Intro:जयपुर। महानगर की स्थाई लोक अदालत ने इलाज में लापरवाही बरतने पर विद्याधर नगर स्थित सोनी मणिपाल अस्पताल के निदेशक व डॉ दीपक यदुवंशी पर एक लाख 16 हजार पांच सौ रुपए का हर्जाना लगाया है। स्थाई लोक अदालत ने यह आदेश गुरुदास पारवाणी की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इलाज के दौरान मरीज के परिजनों को अस्पताल प्रशासन के उचित समन्वय के अभाव में मानसिक परेशानी उठानी पड़ी। इस दौरान मरीज का इलाज भी नहीं किया गया।
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसकी पत्नी कमला के सांस में तकलीफ होने पर 9 सितंबर 2016 को सोनी मणिपाल अस्पताल की आपातकालीन इकाई में दिखाया। वहीं चिकित्सकों ने उसके निमोनिया बताकर भर्ती कर लिया। बाद में कमला की नसों में कैल्शियम जमा होना बताकर रोटोब्लेशन मशीन से ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थी की पत्नी की तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे दो बार अस्पताल में और दिखाया गया। वह इलाज में लापरवाही के चलते 9 नवंबर को उसकी मौत हो गई।


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