कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा के पूर्णकालिक सचिव दीपक पाराशर थे. आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक चेतना व जागरूकता पर चर्चा की गई, इस मौके पर घुमंतू जाति के लोगों ने यह फैसला लिया कि समाज में बाल विवाह, मृत्यु भोज और नशे जैसी कुरीतियों पर पूर्णतय पाबंदी लगाई जाएगी. इसके साथ ही समाज में फैली सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा.
समाज के प्रदेशाधक्ष लूम नाथ सपेरा ने बताया कि कि घुमंतू जातियों के 40 लाख से अधिक लोग प्रदेश में निवास करते हैं लेकिन समाज के लोगों के अशिक्षित होने साथ ही, राज्य सरकार की ओर से भी इस समाज की ओर से पूरा ध्यान नहीं दिए जाने के चलते हुए समाज आज हाशिए पर खड़ा है और मुख्यधारा से दूर है.