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विधानसभा में गूंजा 19 हजार से ज्यादा स्कूल बंद करने का मामला...देवनानी के वार पर डोटासरा का पलटवार... - jaipur

विधानसभा का दूसरा चरण शुरू हो चुका है. वहीं पिछली सरकार के दौरान राजस्थान में बन्द किये गए स्कूलों का मामला भी सोमवार को विधानसभा में गूंजा. इस सवाल पर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी और मौजूदा शिक्षा राज्य मन्त्री आमने-सामने थे.

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Published : Feb 11, 2019, 8:40 PM IST

बता दें कि प्रदेश में स्कूल एकीकरण और उन्हें फिर से शुरू करने का सवाल सोमवार को विधानसभा में गूंजा.विधायक के रूप में सदन में मौजूद पूर्व शिक्षा राज्य मन्त्री वासुदेव देवनानी ने खुद सरकार से स्कूल एकीकरण पर सवाल पूछे .इस दौरान पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक के बीच डोटासरा ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि स्कूल बंदी के कारण ही जनता ने बीजेपी की वोटबंदी कर दी.

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वासुदेव देवनानी ने पूछे सवाल
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1. सत्र 2014 से नवम्बर 2018 तक कितने स्कूलों का एकीकरण किया गया?
2. क्या यह एकीकरण आरटीई के नियमों के तहत हुआ?
3. एकीकरण में आरटीई नियमों की पालना कितने मामलों में नहीं हुई?
4. क्या सरकार इनमें से कुछ स्कूल को फिर से शुरू करना चाहती है?
5. क्या सरकार कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल भी फिर से शुरू करना चाहती है?

देवनानी के सवाल पर शिक्षा राज्य मन्त्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जबाव देते हुए कहा कि साल 2014 से 2018 के सत्र तक पिछली सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के तहत 16,262 स्कूल एकीकृत करते हुए बंद किये. जबकि प्राथमिक शिक्षा देने वाले 5,942 स्कूल बंद किये. इसके साथ ही डोटासरा ने बताया कि कुल 22,204 स्कूल बंद करने के बाद सरकार ने 2, 450 स्कूल फिर से खोले. डोटासरा ने बताया कि पिछली सरकार ने 1 किलोमीटर दायरे वाले 2,060 स्कूल और 2 किलोमीटर दायरे वाले 384 स्कूल फिर से शुरू किये.
डोटासरा ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्कूल बंद करने के कारण ही जनता ने बीजेपी के वोट बंद कर दिये. हालांकि डोटासरा को अपने सवाल से घेरने की कोशिश करते हुए वासुदेव देवनानी ने ज़ीरो नामांकन वाले स्कूलों के साथ ही 15 और 30 से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल के लिए भी पूछे. इसके साथ ही इन पर होने वाला खर्चा और टीचर्स की संख्या की जानकारी भी मांगी.

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सवालों पर जबाव देते हुए डोटासरा ने सदन को बताया कि पिछली सरकार में एकीकरण के नाम पर बंद किये गए स्कूल फिर से खोलने के लिए उनकी सरकार ने कमेटी बनाई है. प्रत्येक उपखण्ड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में बनी इस समिति की रिपोर्ट पर स्कूल फिर से खोले जाएंगे. डोटासरा ने कहा कि जहां से स्कूल खोलने की मांग आएगी वहां गुण-अवगुण के आधार पर सरकार फैसला करेगी. इसके साथ ही शिक्षा मन्त्री ने आरटीई एक्ट के नियमों के तहत स्कूल फिर से खोलने की बात भी सदन में कही.

बता दें कि प्रदेश में स्कूल एकीकरण और उन्हें फिर से शुरू करने का सवाल सोमवार को विधानसभा में गूंजा.विधायक के रूप में सदन में मौजूद पूर्व शिक्षा राज्य मन्त्री वासुदेव देवनानी ने खुद सरकार से स्कूल एकीकरण पर सवाल पूछे .इस दौरान पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक के बीच डोटासरा ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि स्कूल बंदी के कारण ही जनता ने बीजेपी की वोटबंदी कर दी.

देखें वीडियो
वासुदेव देवनानी ने पूछे सवाल
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1. सत्र 2014 से नवम्बर 2018 तक कितने स्कूलों का एकीकरण किया गया?
2. क्या यह एकीकरण आरटीई के नियमों के तहत हुआ?
3. एकीकरण में आरटीई नियमों की पालना कितने मामलों में नहीं हुई?
4. क्या सरकार इनमें से कुछ स्कूल को फिर से शुरू करना चाहती है?
5. क्या सरकार कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल भी फिर से शुरू करना चाहती है?

देवनानी के सवाल पर शिक्षा राज्य मन्त्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जबाव देते हुए कहा कि साल 2014 से 2018 के सत्र तक पिछली सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के तहत 16,262 स्कूल एकीकृत करते हुए बंद किये. जबकि प्राथमिक शिक्षा देने वाले 5,942 स्कूल बंद किये. इसके साथ ही डोटासरा ने बताया कि कुल 22,204 स्कूल बंद करने के बाद सरकार ने 2, 450 स्कूल फिर से खोले. डोटासरा ने बताया कि पिछली सरकार ने 1 किलोमीटर दायरे वाले 2,060 स्कूल और 2 किलोमीटर दायरे वाले 384 स्कूल फिर से शुरू किये.
डोटासरा ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्कूल बंद करने के कारण ही जनता ने बीजेपी के वोट बंद कर दिये. हालांकि डोटासरा को अपने सवाल से घेरने की कोशिश करते हुए वासुदेव देवनानी ने ज़ीरो नामांकन वाले स्कूलों के साथ ही 15 और 30 से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल के लिए भी पूछे. इसके साथ ही इन पर होने वाला खर्चा और टीचर्स की संख्या की जानकारी भी मांगी.

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सवालों पर जबाव देते हुए डोटासरा ने सदन को बताया कि पिछली सरकार में एकीकरण के नाम पर बंद किये गए स्कूल फिर से खोलने के लिए उनकी सरकार ने कमेटी बनाई है. प्रत्येक उपखण्ड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में बनी इस समिति की रिपोर्ट पर स्कूल फिर से खोले जाएंगे. डोटासरा ने कहा कि जहां से स्कूल खोलने की मांग आएगी वहां गुण-अवगुण के आधार पर सरकार फैसला करेगी. इसके साथ ही शिक्षा मन्त्री ने आरटीई एक्ट के नियमों के तहत स्कूल फिर से खोलने की बात भी सदन में कही.

Intro:विधानसभा में गूंजा 19 हज़ार से ज्यादा स्कूल बंद करने का मामला
शिक्षा मन्त्री बोले- बीजेपी को मिला अपने किये का फल। स्कूल बंदी का हिसाब वोटबंदी करके जनता ने चुकाया हिसाब। 

जयपुर (इंट्रो एंकर)

पिछली सरकार के दौरान राजस्थान में बन्द किये गए स्कूलों का मामला विधानसभा में गूंजा। इस सवाल पर पूर्व शिक्षा राज्य मन्त्री वासुदेव देवनानी और मौजूदा शिक्षा राज्य मन्त्री आमने-सामने थे। देवनानी ने चुनाव पूर्व कांग्रेस के आरोपों पर सवाल उठाया तो डोटासरा ने बंद किये गए स्कूलों को फिर से खोलने के लिए कमेटी से परीक्षण कराने की बात कही। इस दौरान पक्ष-विपक्ष में नोकझोंक के बीच डोटासरा ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि स्कूल बंदी के कारण ही जनता ने बीेजेपी की वोटबंदी कर दी। 




Body:vo 1-
प्रदेश में स्कूल एकीकरण और उन्हें फिर से शुरू करने का सवाल सोमवार को विधानसभा में गूंजा। विधायक के रूप में सदन में मौजूद पूर्व शिक्षा राज्य मन्त्री वासुदेव देवनानी ने खुद सरकार से स्कूल एकीकरण पर सवाल पूछते हुए जानकारी मांगी। 

(ग्राफिक्स इन)
वासुदेव देवनानी ने पूछे सवाल 

1. सत्र 2014 से नवम्बर 2018 तक कितने स्कूलों का एकीकरण किया गया? 
2. क्या यह एकीकरण आरटीई के नियमों के तहत हुआ?
3. एकीकरण में आरटीई नियमों की पालना कितने मामलों में नहीं हुई?
4. क्या सरकार इनमें से कुछ स्कूल को फिर से शुरू करना चाहती है?
5. क्या सरकार कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल भी फिर से शुरू करना चाहती है?
(ग्राफिक्स आउट)

बाइट-वासुदेव देवनानी,भाजपा विधायक

vo 2-
देवनानी के सवाल पर शिक्षा राज्य मन्त्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने जबाव देते हुए कहा कि साल 2014 से 2018 के सत्र तक पिछली सरकार ने माध्यमिक शिक्षा के तहत 16 हज़ार 262 स्कूल एकीकृत करते हुए बंद किये। जबकि प्राथमिक शिक्षा देने वाले 5 हज़ार 942 स्कूल बंद किये। इसके साथ ही डोटासरा ने बताया कि कुल 22 हज़ा 204 स्कूल बंद करने के बाद सरकार ने 2 हज़ार 450 स्कूल फिर से खोले। डोटासरा ने बताया कि पिछली सरकार को 1 किलोमीटर दायरे वाले 2 हज़ार 60 स्कूल और 2 किलोमीटर दायरे वाले 384 स्कूल फिर से शुरू किये। 

(ग्राफिक्स इन)
स्कूल एकीकरण के मामले पर बोले शिक्षा राज्य मन्त्री
पिछली सरकार ने बंद किये 22204 स्कूल। 
एकीकरण के जरिये मर्ज किये स्कूल। 
इनमें से 2450 स्कूल फिर से शुरू किये। 
एक और दो किलोमीटर दायरे वाले स्कूल री-ओपन किये। 
(ग्राफिक्स आउट)




Conclusion:vo 3-
मन्त्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष में बैठे बीजेपी नेताओं को कहा कि स्कूल बंद करने के कारण ही जनता ने बीजेपी के वोट बंद कर दिये। शिक्षा राज्य मन्त्री ने दावा करते हुए कहा कि उनकी सरकार स्कूलों की दशा भी सुधारेगी और एक बार फिर सत्ता में आएगी। हालांकि
डोटासरा को अपने सवाल से घेरने की कोशिश करते हुए वासुदेव देवनानी ने ज़ीरो नामांकन वाले स्कूलों के साथ ही १५ और ३० से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूल भी पूछे। इसके साथ ही इन पर होने वाला खर्चा और टीचर्स की संख्या की जानकारी भी मांगी। इस सवाल में बीेच में ही अपने विधायक के साथ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी खड़े हुए और सरकार को घेरने की कोशिश की।  
कटारिया और देवनानी के सवालों पर जबाव देते हुए डोटासरा ने सदन को बताया कि 182 स्कूल तो ज़ीरो ऐनरोलमेन्ट वाले हैं जबकि 28 हज़ार 13 स्कूल में ऐनरोलमेन्ट तीस से भी कम है। डोटासरा ने कहा कि पिछली सरकार में एकीकरण के नाम पर बंद किये गए स्कूल फिर से खोलने के लिए उनकी सरकार ने कमेटी बनाई है। प्रत्येक उपखण्ड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में बनी इस समिति की रिपोर्ट पर स्कूल फिर से खोले जाएंगे। डोटासरा ने कहा कि जहां से स्कूल खोलने की मांग आएगी वहां गुण-अवगुण के आधारा पर सरकार फ़ैसला करेगी। इसके साथ ही शिक्षा मन्त्री ने आरटीई एक्ट के नियमों के तरह स्कूल फिर से खोलने की बात भी सदन में कही। 

विजुअल- विधानसभा वासुदेव देवनानी और गोविंद डोटासरा के बाइट -वासुदेव देवनानी पूर्व मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक



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