जैसलमेर. जिले के फतेहगढ़ उपकरण कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ सहायक हरप्रीत सिंह को सवा करोड़ रुपए से अधिक राशि के चेकों पर पूर्व एसडीएम सुमन सोनल के फर्जी दस्तखत करने के मामले में प्रथम दृष्टया दोषी माना गया है. जिसके चलते जिला कलेक्टर नमित मेहता ने हरप्रीत सिंह को निलंबित कर दिया है.
वहीं, इस मामले में जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार फतेहगढ़ के उपखंड अधिकारी ने उन्हें विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपी. जिस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर मेहता ने हरप्रीत सिंह को निलंबित कर दिया. इस दौरान उसका मुख्यालय उप तहसील रामगढ़ रहेगा. बता दें कि कनिष्ठ सहायक हरप्रीत सिंह ने फतेहगढ़ की पूर्व एसडीएम के फर्जी दस्तखत कर कोटक महिंद्रा बैंक बाड़मेर शाखा के खाते के सवा करोड़ से अधिक राशि के चेक ग्राम पंचायत फतेहगढ़ और देवीकोट के सरपंचों के नाम काटे थे.
जानकारी के अनुसार इस मामले में पहली नजर में जिम्मेदार नजर आ रहे कनिष्ठ सहायक को निलंबित करने के साथ उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. पुलिस जांच में यह खुलासा भी हो सकता है कि इस फर्जीवाड़े में हरप्रीत अकेला लिप्त है या फिर ग्राम पंचायतों से जुड़े लोग भी इसमें शामिल हैं. इसी को लेकर आने वाले दिनों में पुलिस से संबंधित कर्मियों से आवश्यक पूछताछ करेगी.
इधर जिला कलेक्टर नमित मेहता ने इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए फतेहगढ़ उपखंड कार्यालय के कामकाज की जांच-पड़ताल करवाने का निर्णय लिया है. उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पांच सदस्य कमेटी का गठन किया है, जो उपखंड कार्यालय के समस्त महत्वपूर्ण कागजातों के साथ सभी शाखाओं के कामकाज की जांच करेगी. जिससे यह पता चल सके कि कार्यालय स्तर पर कोई अन्य गड़बड़ी तो नहीं की गई है.